Chandrayaan-2 मिशन में इन दो महिलाओं ने निभाई है अहम भूमिका, जानें किस तरह विज्ञान के क्षेत्र में इन दोनों ने मनवाया अपना लोहा

इस मिशन में 30 फीसदी महिलाओं का योगदान है जिनमें से कई बेहद अहम भूमिका निभा रही हैं. प्रॉजेक्ट डायरेक्टर एम. वनीता हैं और मिशन डायरेक्टर रितु करिधाल श्रीवास्तव. ISRO चंद्रयान-2 15 जुलाई तड़के 2.51 बजे लॉन्च होगा. इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से GSLV MKIII लॉन्च पैड के जरिए लॉन्च किया जाएगा.

Chandrayaan-2 मिशन (Photo Credit- IANS)

मिशन चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के लिए इसरो की तैयारी पूरी है. इस मिशन के साथ भारत अंतरिक्ष के इतिहास में एक नया सवेरा लेकर आने वाला है. भारत का चंद्रयान-2 अपने मिशन जल्द ही रवाना होगा. तकनीकी वजहों से ISRO चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग टाल दी है. इससे पहले इसे 15 जुलाई तड़के 2.51 बजे लॉन्च होना था. अब एक नई तारीख के साथ भारत इस मिशन को पूरा करेगा. इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से GSLV MKIII लॉन्च पैड के जरिए लॉन्च किया जाएगा. चंद्रयान- 2 के 6 सितंबर को चांद की सतह पर उतरने का अनुमान है. वैज्ञानिक लगातार इस मिशन को सफल बनाने के लिए काम कर रहे हैं. भारत के इस मिशन पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई है.

चंद्रयान-2 मिशन की खास बात ये है कि ये चांद की सतह पर उतरेगा. 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान-1 लॉन्च हुआ था. चंद्रयान-1 चंद्रमा की कक्षा में गया था लेकिन सतह पर नहीं उतरा था. चंद्रयान-1 को चांद की सतह से 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित कक्षा में स्थापित किया गया था. इसरो का Chandrayaan 2 हर तरह से खास है. इसमें एक खास बात यह भी है कि इस मिशन में 30 फीसदी महिलाओं का योगदान है जिनमें से कई बेहद अहम भूमिका निभा रही हैं. प्रॉजेक्ट डायरेक्टर एम. वनीता हैं और मिशन डायरेक्टर रितु करिधाल श्रीवास्तव.

मिशन डायरेक्टर रितु करिधाल श्रीवास्तव

इसरो की सीनियर साइंटिस्ट रितु करिधाल श्रीवास्तव इस मिशन की डायरेक्टर हैं. रितु करिधाल लखनऊ की बेटी हैं. रितु ने लखनऊ विश्वविद्यालय से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया था. फिर गेट पास करने के बाद मास्टर्स डिग्री के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज जॉइन किया. यहां से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री ली. वह 1997 से इसरो से जुड़ीं.

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चंद्रयान 2 मिशन की डायरेक्टर रहने से पहले रितु 2013 में भारत के महत्वाकांक्षी मंगल मिशन में बतौर वैज्ञानिक काम कर चुकी थीं. यह मिशन बेहद कामयाब रहा था और भारत चौथा देश बना था, जिसने मंगल तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की थी. उस वक्त रितु ने मंगल मिशन में उपग्रह के ऑपरेशन्स को लेकर भूमिका निभाई थी. रितु के कौशल को पहचाना गया और इस बार उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई.

मिशन प्रोजेक्ट डायरेक्टर वनिता

चंद्रयान 2 मिशन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर वनिता को 2006 में सर्वश्रेष्ठ महिला वैज्ञानिक के अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है. इसरो के इतिहास में किसी प्रोजेक्ट की प्रमुख बनने वाली पहली महिला का गौरव वनिता को इस मिशन की प्रमुख होने के साथ हासिल हुआ है. इससे पहले वनिता कार्टोसेट-1, ओशियनसेट-2 और मेघ ट्रॉपिक्स उपग्रहों के मिशन से जुड़े डेटा सिस्टम के लिए प्रोजेक्ट की सह निदेशक रह चुकी हैं. वनिता को डेटा क्वीन माना जाता है क्योंकि यह उनकी विशिष्ट प्रतिभा का क्षेत्र है. चंद्रयान 1 मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रह चुके डॉ. एम अन्नादुरई ने ही वनिता को चंद्रयान 2 मिशन की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया था.

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