Jharkhand New CM: चंपई सोरेन आज लेंगे CM पद की शपथ, 10 दिन में साबित करना होगा बहुमत

झारखंड को आज नया मुख्यमंत्री मिलने वाला है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता चंपई सोरेन (Champai Soren) आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

Champai Soren | ANI

रांची: झारखंड को आज नया मुख्यमंत्री मिलने वाला है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता चंपई सोरेन (Champai Soren) आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. झारखंड के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने गुरुवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक दल के नेता चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद के लिए मनोनीत कर उन्हें शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया. राज्यपाल की ओर से मुख्यमंत्री पद पर यह मनोयन तब हुआ जब झामुमो विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने राज्यपाल से जल्द से जल्द सरकार बनाने के उनके दावे को स्वीकार करने का आग्रह किया, क्योंकि राज्य में "भ्रम" की स्थिति बनी हुई थी.

यह स्थिति बुधवार को हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद से राज्य में मुख्यमंत्री न होने की वजह से थी और इसके कारण राजनीतिक संकट गहरा गया था. वर्तमान में चंपई झारखंड के कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री हैं. इससे पहले तक हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना का भी नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में चल रहा था.

 10 दिन के भीतर बहुमत साबित करना होगा

झारखंड टाइगर नाम से मशहूर चंपई सोरेन आज रांची में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. चंपई सोरेन को 10 दिन के भीतर बहुमत साबित करना होगा. राज्यपाल के न्योते से पहले भी चंपई सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया था. चंपई सोरेन का दावा है कि उनके साथ 47 विधायकों का समर्थन है. विधायक दल का नेता मनोनीत होने के बाद उन्होंने आदिवासी और गरीबों के हक में लड़ाई जारी रखने की बात कही.

कौन हैं चंपई सोरेन?

चंपई सोरेन सरायकेला-खरसावां जिले स्थित जिलिंगगोड़ा गांव के रहने वाले हैं. उनका पिता का नाम सिमल सोरेन है, जो कि खेती किसानी किया करते थे. चंपई चार बच्चों में बड़े बेटे हैं. चंपई सोरेन ने 10वीं क्लास तक सरकारी स्कूल से पढ़ाई की. इस बीच उनका विवाह कम उम्र में ही मानको से कर दिया गया. शादी के बाद चंपई के 4 बेटे और तीन बेटियां हुईं. अलग झारखंड राज्य के लिए शिबू सोरेन के साथ ही चंपई सोरेन ने भी खूब आंदोलन किए. जिसके बाद वे 'झारखंड टाइगर' के नाम से मशहूर हो गए. इसके बाद चंपई सोरेन ने अपनी सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक बनकर अपने राजनीतिक करियर का आगाज कर दिया. इसके बाद वह झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए थे.

Share Now

\