नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है. नीरव मोदी 14,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में फरार है. सूत्रों ने यह जानकारी सोमवार को लंदन से आ रही उस रपट के संदर्भ में दी, जिसमें नीरव मोदी के ब्रिटेन में शरण मांगे जाने की बात कही गई है.
सूत्रों ने कहा कि सीबीआई ने इंटरपोल को नीरव मोदी व उसके मामा गीतांजलि समूह के मेहुल चोकसी को रेड कार्नर नोटिस (आरसीएन) जारी करने का आग्रह किया है.
एक अधिकारी ने कहा, "सीबीआई के पास नीरव मोदी के ठिकाने के बारे में अबतक कोई पुष्टि नहीं है."
सूत्रों ने कहा, "जब एजेंसी को उसके ठिकाने के बारे में कोई सूचना मिलेगी तो वह आगे की कार्रवाई करेगी."
सीबीआई ने पीएनबी धोखाधड़ी की जांच के लिए जनवरी और मार्च के बीच तीन प्राथमिकी दाखिल की है. इन मामलों में ज्यादातर आरोपी आम हैं. इन मामलों में धोखाधड़ी 2011-17 के दौरान अवैध रूप से लेटर्स ऑफ अंटरटेकिंग (एलओयू) और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) जारी करके की गई.
एलओयू को एक बैंक दूसरे बैंकों के लिए जारी करता है, जिसके आधार पर विदेशी शाखाएं खरीदारों को ऋण प्रदान करती हैं.
फाइनेंशियल टाइम्स ने कहा कि मोदी ने ब्रिटेन में राजनीतिक शरण मांगी है.
नीरव मोदी ने अपने परिवार के साथ जनवरी के पहले हफ्ते में देश छोड़ दिया था. इसके हफ्तों बाद सीबीआई को घोटाले की रिपोर्ट की गई.
नीरव की पत्नी अमी ने छह जनवरी को भारत छोड़ दिया और उसका मामा मेहुल चार जनवरी को भारत से फरार हो गया. अमी अमेरिकी नागरिक है.
पीएनबी ने सीबीआई को दी गई कई शिकायतों में दावा किया है कि नीरव मोदी के साथ मिलकर बैंक अधिकारियों द्वारा धोखाधड़ी से कई एलओयू जारी किए गए और दूसरे आरोपियों ने बैंक को भारी नुकसान पहुंचाया.