ड्यूटी संभालने के बाद एक्शन मोड़ में CBI चीफ आलोक वर्मा, 5 अधिकारियों का किया ट्रांसफर
सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा (Photo credits: PTI)

सीबीआई (CBI) निदेशक का पद संभालते ही आलोक वर्मा (Alok Verma) एक्शन में आ गए हैं. 77 दिन बाद बुधवार को ड्यूटी पर लौटे आलोक वर्मा (CBI ने पझ्ले बुधवार को तत्कालीन अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव (Nageshwar Rao) द्वारा किए गए लगभग सभी ट्रांसफर आदेशों को निरस्त कर दिया. इसके बाद गुरुवार को वर्मा ने पांच अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया. इनमें दो ज्वाइंट डायरेक्टर, दो डीआईजी शामिल और एक असिस्टेंट डायरेक्टर हैं. सीबीआई चीफ ने जिन अधिकारियों का ट्रांसफर किया है उनके नाम जेडी अजय भटनागर, डीआईजी एमके सिन्हा, डीआईजी तरुण गउबा, जेडी मुरुगसन और एके शर्मा शामिल हैं. बता दें कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने वर्मा को जबरन छुट्‌टी पर भेजने के केंद्र के फैसले को कर रद्द कर दिया था.

गौरतलब है कि भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना और निदेशक आलोक वर्मा के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगने के बाद केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर 2018 को इन दोनों ही सीबीआई अधिकारियों को जबरन छुट्टी पर भेज दिया था और उनके सारे अधिकार छीन लिए गए थे. इसके बाद केंद्र ने 1986 बैच के ओडिशा काडर के आईपीएस अधिकारी नागेश्वर राव को 23 अक्टूबर, 2018 को सीबीआई निदेशक के दायित्व और कार्य सौंपे गए थे.

अधिकारियों के अनुसार अगली सुबह ही राव ने बड़े पैमाने पर तबादले किए. उनमें अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच करने वाले अधिकारी जैसे डीएसपी एके बस्सी, डीआईजी एम के सिन्हा, संयुक्त निदेशक एके शर्मा भी शामिल थे. एक अधिकारी ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि आलोक वर्मा ने बुधवार को अपना दायित्व संभाल लिया और राव द्वारा किए गए सभी तबादले रद्द कर दिए.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक की शक्तियों से वंचित कर अवकाश पर भेजने का केंद्र सरकार का आदेश रद्द कर दिया था. हालांकि, कोर्ट ने वर्मा के पर कतरते हुए साफ कर दिया था कि बहाली के उपरांत सीबीआई प्रमुख का चयन करने वाली उच्चाधिकार समिति के उनकी शक्तियां छीनने के मुद्दे पर विचार करने तक वह कोई भी बड़ा नीतिगत फैसला करने से परहेज करेंगे. वर्मा का सीबीआई निदेशक के तौर पर दो वर्ष का कार्यकाल 31 जनवरी को समाप्त हो रहा है.