कोलकाता की एक अदालत ने मंगलवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष (Sandhip Ghosh) और तीन अन्य व्यक्तियों को आठ दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया. इन पर राज्य द्वारा संचालित इस संस्थान में कथित वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे हैं. सीबीआई ने 10 दिन की हिरासत की मांग की थी, जिसमें यह तर्क दिया गया कि इस भ्रष्टाचार मामले में एक बड़ा नेटवर्क शामिल है, जिसका पूरी तरह से जांच करना आवश्यक है.
सीबीआई ने अलीपुर न्यायालय को बताया, "हमने अभी चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में एक बड़ा नेटवर्क है जिसे उजागर करना जरूरी है, और इसके लिए हमें इनकी पूछताछ की आवश्यकता है."
इस मामले में सीबीआई ने घोष के अलावा तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों में बिप्लव सिंहा, सुमन हजारा, अफसर अली शामिल हैं. इस मामले में अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी.
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सोमवार को केंद्रीय एजेंसी ने घोष, उनके सुरक्षा गार्ड और दो विक्रेताओं को गिरफ्तार किया था, जो अस्पताल को सामग्री आपूर्ति करते थे. इस अस्पताल में पिछले महीने एक 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित रूप से बलात्कार और हत्या का मामला भी सामने आया था. सीबीआई ने घोष को एक एफआईआर में नामित किया है और भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी) के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत आरोप लगाए हैं.
संदीप घोष की संदिग्ध भूमिका की हो रही जांच
आरजी कर हॉस्पिटल और संदीप घोष इन दिनों चर्चा में हैं. दरअसल, 9 अगस्त को RG कर हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई. इस मामले में कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच कर रही है. रेप केस में संदीप घोष की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है. सीबीआई उनसे कई बार पूछताछ भी कर चुकी है और उनका पॉलीग्राफी टेस्ट भी किया जा चुका है.