नीरव मोदी और मेहुल चोकसी का बचना अब होगा मुश्किल, उन्हें भारत लाने के लिए ED और CBI ने उठाया यह कदम
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी (Photo Credits: ANI/PTI)

भारत की बड़ी रकम लेकर देश छोड़कर भागने वाले आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) (ED) ने एक अभियान शुरु किया है. इसी कड़ी में पंजाब नेशनल बैंक घोटाले (Punjab National Bank) के आरोपियों मेहुल चोकसी (Mehul Choksi), जतिन मेहता (Jatin Mehta) और नीरव मोदी (Nirav Modi) को भारत लाने के लिए ईडी और सीबीआई ने बड़ा कदम उठाया है. जानकारी है कि उनके प्रत्यर्पण के सिलसिले में सीबीआई और ईडी के अधिकारी वेस्टइंडीज (West Indies) जा सकते हैं और उनके इस मिशन के लिए लंबी दूरी तक जाने वाले एयर इंडिया (Air India) के बोइंग विमान को रिजर्व कराया गया है.

दरअसल, कैरिबियाई द्वीप समूह के कई देशों में पैसों से मिलने वाली विवादास्पद नागरिकता योजना का फायदा उठाकर ही हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी और विनसम डायमंड्स के प्रमोटर जतिन मेहता ने इन देशों की नागरिकता ले रखी है. यह भी पढ़ें: भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी को बड़ा झटका, ध्वस्त होगा 20 हजार फीट में फैला अलीबाग का बंगला

मिली जानकारी के अनुसार, इन्हें सीबीआई और ईडी के जॉइंट ऑपरेशन की मदद से भारत लाया जा सकता है. कैरेबियन देशों में सीबीआई की दो टीमें मौजूद हैं, जबकि इस अभियान से जुड़े कुछ अधिकारी तीन दिन पहले ही विदेश गए हैं.

बताया जा रहा है कि मेहुल चोकसी को कैरिबियाई देश से उठाया जा सकता है, जबकि नीरव मोदी को यूरोप से पकड़ा जा सकता है, क्योंकि वहीं उसके छुपे होने की संभावना जताई जा रही है. दरअसल, प्रत्यर्पण समझौता न होने के कारण ही ये द्वीप भारत के भगोड़े आर्थिक अपराधियों के छुपने के लिए सुरक्षित स्थान बन गए हैं. यह भी पढ़ें: भारत को बड़ा झटका, पीएनबी फ्रॉड के आरोपी मेहुल चोकसी ने छोड़ी भारत की नागरिकता

गौरतलब है कि मेहता कुछ साल पहले ही सेंट किट्स एंड नेविस की नागरिकता ले चुके हैं, जबकि चोकसी ने एंटीगुवा और बारबुडा की नागरिकता हाल में ही ली है. ये द्वीपसमूह 132 देशों को वीजा मुक्त यात्रा प्रदान करते हैं, इसलिए भारतीय आर्थिक अपराधियों के बीच आसानी से पैसे खर्च करके इन देशों की नागरिकता प्राप्त कर लेना लोकप्रिय हो गया है.