कोलकाता, 21 अगस्त: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को सामूहिक बलात्कार की शिकार एक नाबालिग को 24 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति दे दी न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की एकल पीठ ने गर्भपात की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए उसके निर्देश पर 17 अगस्त को गठित मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद यह निर्देश दिया.
न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि यदि पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले के तमलुक में स्थानीय सरकारी अस्पताल के पास इसके लिए पर्याप्त सुविधा नहीं है, जहां की पीड़िता निवासी है, तो दक्षिण कोलकाता में राज्य द्वारा संचालित एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जल्द से जल्द उसका गर्भपात किया जाना चाहिये.
कानूनी मानदंडों के अनुसार, यदि गर्भावस्था 20 सप्ताह या उससे कम है तो चिकित्सक गर्भपात का निर्णय ले सकते हैं चूंकि इस मामले में यह अवधि बीत चुकी है, पीड़िता के माता-पिता ने गर्भपात की अनुमति मांगने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था नाबालिग लड़की के साथ उसके इलाके में सामूहिक बलात्कार हुआ था जिससे वह गर्भवती हो गई.
गर्भावस्था के लक्षण स्पष्ट होने के बाद ही उसके माता-पिता को इसका पता चला। लेकिन तब तक काफी समय बीत चुका था इसके बाद, उन्होंने स्थानीय पुलिस को सूचित किया, जिसने तीन नाबालिग आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया फिलहाल तीनों आरोपी बाल सुधार गृह में हैं.