नयी दिल्ली, 23 जून : सरकार ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की सेंट्रल रेलसाइड वेयरहाउस कंपनी लिमिटेड (सीआरडब्ल्यूसी) की उसकी होल्डिंग कंपनी सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (सीडब्ल्यूसी) में विलय को मंजूरी दे दी. आधिकारिक बयान के अनुसार इस निर्णय का मकसद ‘न्यूनतम सरकार, कारगर शासन’ के दृष्टिकोण को क्रियान्वित करते हुए कारोबार सुगमता को बढ़ावा देना और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में निजी क्षेत्र की दक्षता लाना है. बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सीआरडब्ल्यूसी की सभी संपत्तियों, देनदारियों, अधिकारों और दायित्वों को उसके होल्डिंग उद्यम सीडब्ल्यूसी को स्थानांतरित करने और उसमें विलय को मंजूरी दे दी है.सीआरडब्ल्यूसी कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत 2007 में गठित मिनी रत्न श्रेणी-II के अंतर्गत आने वाला केंद्रीय सार्वजनिक उद्यम है जबकि सीडब्ल्यूसी मिनी रत्न श्रेणी-1 के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय सार्वजनिक उद्यम है.
बयान में कहा गया है, ‘‘इस विलय से एक ही प्रशासन के माध्यम से न सिर्फ दोनों कंपनियों के भंडारण, रखरखाव और परिवहन जैसे समान कार्य हो सकेंगे बल्कि इससे दक्षता, अनुकूलतम क्षमता उपयोग, पारदर्शिता, जवाबदेही बढ़ने के साथ वित्तीय बचत भी सुनिश्चित होगी. साथ ही नई भंडारण क्षमताओं के लिए ‘रेलवे साइडिंग’ का लाभ उठाया जा सकेगा.इस निर्णय से यह अनुमान है कि रेलसाइड वेयरहाउस कॉम्प्लेक्स (आरडब्ल्यूसी) के प्रबंधन व्यय में कॉरपोरेट कार्यालय के किराए, कर्मचारियों के वेतन और अन्य प्रशासनिक खर्चों में बचत से कुल व्यय में 5 करोड़ रुपये की कमी आएगी. आरडब्ल्यूसी के क्षमता उपयोग में भी सुधार होगा क्योंकि सीडब्ल्यूसी के लिए सीमेंट, उर्वरक, चीनी, नमक और सोडा जैसी वर्तमान वस्तुओं के अलावा अन्य वस्तुओं के भंडारण की क्षमता में भी वृद्धि होगी. बयान के अनुसार, ‘‘इस विलय से माल-गोदाम स्थलों के पास कम से कम 50 और रेलसाइड गोदाम स्थापित करने की सुविधा मिलेगी.’’ यह भी पढ़ें : कोविड टीकाकरण के लिए बेघर लोगों का पंजीकरण नहीं होने की मीडिया रिपोर्ट निराधार: सरकार
‘‘इससे कुशल कामगारों के लिए 36,500 और अकुशल कामगारों के लिए 9,12,500 श्रम दिवसों के बराबर रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है. इस विलय की पूरी प्रक्रिया निर्णय की तिथि से 8 महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है.’’
सीडब्ल्यूसी का गठन 1957 में हुआ. यह केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित कृषि उपज और कुछ अन्य वस्तुओं के भंडारण के उद्देश्य व उससे जुड़े मामलों के लिए वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के निगमन और विनियमन के लिए सेवाएं प्रदान करती है. सीडब्ल्यूसी एक लाभ कमाने वाला सार्वजनिक उद्यम है जिसकी अधिकृत पूंजी 100 करोड़ रुपये और चुकता पूंजी 68.02 करोड़ रुपये है. इसने 10 जुलाई 2007 को एक अनुषंगी कंपनी सीआरडब्ल्यूसी की स्थापना की थी. इस अनुषंगी को रेलसाइड भंडारण परिसरों, टर्मिनलों, विभिन्न प्रकार के भंडारण केन्द्र की योजना, विकास, संवर्धन, अधिग्रहण और परिचालन का काम दिया गया था. इसके लिये भूमि रेलवे तथा अन्य प्रकार से पट्टे पर ली गई.