नई दिल्ली. नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर देश में विरोध जारी है. इसी बीच लखनऊ से एक बड़ी खबर सामने आयी है. बताना चाहते है कि लखनऊ यूनिवर्सिटी ने नागरिकता कानून को कोर्स में शामिल करने की घोषणा की है.दूसरी तरफ लखनऊ यूनिवर्सिटी (Lucknow University) के फैसले के बाद अब देश में नई बहस शुरू हो गई है. इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सूबे की पूर्व सीएम और बीएसपी चीफ मायावती (BSP Chief Mayawati) ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब मामला कोर्ट में है तो इसे कोर्स में शामिल क्यों किया जा रहा है.
वही इस पुरे फैसले पर लखनऊ यूनिवर्सिटी की राजनीति विभाग की प्रमुख शशि शुक्ला ने कहा कि हम इसको शामिल करेंगे, यह अभी काफी अहम मसला है, इसे पढ़ाया जाना चाहिए. इस टॉपिक में नागरिकता कानून क्या है, कब कैसे बदला गया, इसे शामिल करेंगे. यह भी पढ़े-CAA Protest: नागरिकता कानून का विरोध कर रहे मुख्यमंत्रियों के खिलाफ लखनऊ हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका, राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
ANI का ट्वीट-
Lucknow University to include #CAA as a topic. Shashi Shukla, HOD, Political Science says, “Under political science subject, we will introduce CAA. This is the most important topic right now&so it should be studied.Topic will include what,why,how citizenship law was amended” pic.twitter.com/SXJ3RkhBl3
— ANI UP (@ANINewsUP) January 24, 2020
ज्ञात हो कि इससे पहले मंगलवार को लखनऊ हाईकोर्ट में सीएए का विरोध कर रहे देश के अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ याचिका दायर की गई है. इस याचिका में मांग की गई है कि जिन राज्यों के सीएम सीएए का विरोध कर रहे हैं, वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.