Delhi High Court: महिला को गुजारा भत्ता न देने पर बिजनेस टाइकून के बेटे को तीन महीने की कैद

अदालत के आदेश के बावजूद एक महिला को गुजारा भत्‍ता न देने पर दिल्‍ली हाईकोर्ट ने मैक्‍स ग्रुप के संस्‍थापक चेयरमैन अनलजीत सिंह के बेटे वीर सिंह को तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है

Photo Credits: ANI

नई दिल्‍ली, 13 जुलाई: अदालत के आदेश के बावजूद एक महिला को गुजारा भत्‍ता न देने पर दिल्‍ली हाईकोर्ट ने मैक्‍स ग्रुप के संस्‍थापक चेयरमैन अनलजीत सिंह के बेटे वीर सिंह को तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है महिला ने पहले उस पर दिखावटी शादी कर बलात्‍कार का आरोप लगाया था दोनेां का एक बच्‍चा भी है अदालत ने जेल की सजा के अलावा 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है अदालत ने कहा, "प्रतिवादी के विद्वान वकील की दलीलों से यह स्पष्ट है कि वह आदेशों का पालन करके या सजा पर ध्यान देकर अवमानना का प्रायश्चित करने के लिए तैयार नहीं हैं हम उसे 2,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन महीने की साधारण कारावास की सजा देते हैं.

अदालत ने स्थानीय पुलिस को उस व्यक्ति के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी करने का भी निर्देश दिया अदालत ने अपने आदेश में कहा, "तिलक मार्ग के एसएचओ को प्रतिवादी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का निर्देश दिया जाता है और प्रतिवादी के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया जाएगा अदालत ने लुक आउट सर्कुलर जारी करने का आदेश दिया क्योंकि प्रतिवादी के वकील ने दावा किया कि वह इस समय देश से बाहर है और अदालत में पेश होने में असमर्थ है मामले पर 19 जुलाई को दोबारा सुनवाई होनी है. यह भी पढ़े:  Delhi High Court का सोशल मीडिया को आदेश, कहा- शाहरुख खान की अपकमिंग फिल्म ‘जवान’ से लीक हुई क्लिप हटाएं

मामला 1 जून को जारी पिछले अदालती आदेश का पालन करने में विफलता के लिए अदालत की अवमानना ​​के महिला के आरोप से उपजा है प्रतिवादी ने 1 जून को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश होते हुए स्पष्ट वचन और आश्वासन दर्ज कराया था कि वह मई महीने के लिए किराया और रखरखाव का बकाया भुगतान 24 घंटे के भीतर कर देगा और जून के लिए 07 जून से पहले भुगतान करेगा उसने यह भी कहा था.

कि वह प्रत्येक महीने की सातवीं तारीख तक भरण-पोषण राशि का भुगतान करना जारी जारी रखेगा जैसा कि वह पहले करता रहा है महिला ने आरोप लगाया कि वह व्यक्ति कानून के प्रति "अनादर और तिरस्कार" करने का आदी है और उसने जानबूझकर विभिन्न न्यायिक आदेशों का उल्लंघन किया है, जिनमें उसकी सहमति, वचन और आश्वासन से पारित आदेश भी शामिल हैं.

महिला और कारोबारी के बेट के बीच कई मुकदमे चल रहे हैं, जिनमें उनके चार साल के बच्चे की कस्‍टडी का केस और एक आपराधिक मामला शामिल हैं जिसमें महिला ने पुरुष पर दिखावटी शादी कर उसके साथ बलात्कार का आरोप लगाया है महिला ने आरोप लगाया था कि सिंह ने "उसके साथ बलात्कार किया है" क्योंकि उसने इस विश्वास के साथ उसके साथ यौन संबंध बनाए थे कि उसने उसके साथ "कानूनी रूप से शादी कर ली है" और वह उसका पति है उसने आरोप लगाया था कि सिंह और उसके परिवार के सदस्यों ने एक दिखावटी समारोह आयोजित करने के बाद उसे धोखा दिया.

उन्‍होंने उसकी सहमति के बिना उसका पीछा किया, और उस पर निगरानी रखी यह आरोप लगाया गया है कि सिंह ने बेडरूम और लॉबी में सीसीटीवी कैमरे और बेबी मॉनिटर लगाए और उसकी सहमति और जानकारी के बिना उसकी हरकतों को रिकॉर्ड कियाउच्च न्यायालय ने बाद में सत्र अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी थी जिसमें पुलिस को सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था सिंह के उच्च न्यायालय चले जाने के बाद न्यायमूर्ति अनुप जयराम भंभानी ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी.

Share Now

\