नई दिल्ली: कोरोना महामारी (Coronavirus) पर नियंत्रण का असर अब स्पष्ट रूप से दिखने लगा है. जून के महीने में 16,600 व्यवसायों (Businesses) को पंजीकृत (Registered) किया गया है, जो एक साल पहले समान अवधि की तुलना में लगभग 26% अधिक हैं. कॉर्पोरेट (Corporate) मामलों के मंत्रालय (Ministry) के आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि महामारी की दूसरी लहर समाप्त होने पर उद्यमशीलता बढ़ रही है. Agra Corona Update: आगरा वालों के लिए अच्छी खबर, 100 दिनों बाद कोरोना का एक भी केस नहीं आया सामने
मई की तुलना में अधिक हुई वृद्धि
जून में शामिल किए गए सभी नए व्यवसायों में से 12,722 नई कंपनियां थीं और 3,940 सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) थीं , जो सर्विस सेक्टर द्वारा पसंद किया जाने वाला एक अधिक लचीला व्यावसायिक विकल्प है. इस वर्ष मई की तुलना से जून में व्यापार पंजीकरण की संख्या में 16.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
एक व्यवसाय की शुरुआत, निवेश के इरादे और आर्थिक गतिविधियों में संभावित वृद्धि को इंगित करता है, हालांकि कई कारक इन व्यावसायिक निवेश को प्रभावित करते हैं. कुछ व्यवसायों को केवल संपत्ति का स्वामित्व के पाने के लिए शुरू किया जाता है.
लॉकडाउन के कारण आई थी व्यवसाय पंजीकरण में गिरावट
नई कंपनियों और एलएलपी के पंजीकरण में पिछले अप्रैल में देशव्यापी लॉकडाउन के परिणामस्वरूप तेज गिरावट देखी गई थी, लेकिन जून के बाद से इसमें सुधार हुआ. हालांकि इस साल मई के आंकड़ों में थोड़ी गिरावट देखी गई. वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में अब तक का कुल रुझान एक साल पहले की रिपोर्ट की तुलना में मजबूत रहा है, जो व्यवसायों पर महामारी की दूसरी लहर के कम प्रभाव की ओर इशारा करता है.
जून में जीएसटी में आई गिरावट
दूसरी लहर के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में लगाए गए स्टे-एट-होम प्रतिबंधों के कारण जून में माल और सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में मामूली गिरावट आई. आधिकारिक डेटा ने इस महीने की शुरुआत में दिखाया कि जून में एकत्र किया गया जीएसटी लगातार आठ महीनों तक 1 ट्रिलियन रुपए के स्तर से ऊपर रहने के बाद पहली बार उससे नीचे गिरा.
महामारी का प्रभाव कम करने के लिए सरकार कर रही है कई प्रयास
दूसरी लहर के आर्थिक प्रभाव से निपटने में मदद के लिए, सरकार ने व्यवसायों को ऋण गारंटी और ऋण सहायता के पैकेज की घोषणा की है. साथ ही, स्वास्थ्य सुविधाओं के निर्माण में मदद के लिए अधिक धन आवंटित किया गया है. कम समय में बेहतर अर्थव्यवस्था की ओर लौटने के लिए वर्तमान सरकार नई फैक्ट्रियों के लिए प्रोत्साहन, सीमा शुल्क ढांचे में सुधार और बुनियादी ढांचे में निवेश की सुविधा बढ़ाने पर ध्यान दे रही है.