पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तबाही मचाने के बाद कमजोर पड़ा चक्रवाती तूफान बुलबुल, बांग्लादेश में ली 10 की जान
पश्चिम बंगाल और ओडिशा के में भारी तबाही मचाने के बाद चक्रवाती तूफान बुलबुल अब कमजोर पड़ता जा रहा है. हालांकि दोनों ही राज्यों में बुलबुल के प्रभाव से भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) और ओडिशा (Odisha) के में भारी तबाही मचाने के बाद चक्रवाती तूफान बुलबुल (Bulbul Cyclone) अब कमजोर पड़ता जा रहा है. हालांकि दोनों ही राज्यों में बुलबुल के प्रभाव से भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है. यहां अब तक कुल बारह लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि दर्जनों घायल बताए जा रहे है. वहीं फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है.
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक तूफान बुलबुल दक्षिणी-पूर्व बांग्लादेश और दक्षिणी त्रिपुरा (Tripura) में कमजोर हो रहा है. अगले 6 घंटों में यह और कमजोर हो जाएगा. भारत के पूर्वी राज्यों में कहर बरपाने के बाद बुलबुल ने रविवार को बांग्लादेश (Bangladesh) में दस्तक दी. बांग्लादेश में चक्रवात की चपेट में आने से कम से कम दस लोगों की मौत हो गई. हालांकि तबाही की आशंका के मद्देनजर निचले इलाकों में रह रहे 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात बुलबुल को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से की बातचीत
आधिकारिक रिपोर्ट में बताया गया है कि पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों के विभिन्न हिस्सों में बुलबुल से 10 लोगों की मौत हो गयी और 2.73 लाख परिवार प्रभावित हुए हैं. 1.78 लाख लोगों को राज्य के नौ जगहों पर बने राहत शिविरों में भेजा गया है. तेज हवाओं के चलते सैकड़ों पेड़ उखड़ गये.
चक्रवात के कारण 2,473 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और अन्य 26,000 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. सबसे बुरा हाल मछली पालन वाले शहर बक्खाली और नामखाना का हुआ है. यहां जनजीवन थम गया है. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत की और इस आपदा से निपटने के लिये राज्य को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. ममता आज बुलबुल प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगी.
जबकि चक्रवात बुलबुल के कारण तटीय ओडिशा के अधिकतर हिस्सों में रविवार को भारी वर्षा होने और तेज हवा चलने से कम से कम दो लोगों की जान चली गयी और फसलों को काफी नुकसान हुआ है. वैसे तो बुलबुल ओडिशा तट पर नहीं पहुंचा लेकिन उसके फलस्वरूप भारी बारिश और आंधी से सैंकड़ों मकानों को नुकसान पहुंचा, कई पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गये तथा दूरसंचार टावरों पर असर पड़ा.