
नई दिल्ली, 31 जनवरी : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ 18वीं लोकसभा के बजट सत्र का आगाज हो गया है. बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए मां लक्ष्मी को नमन किया. साथ ही उन्होंने सरकार के तीसरे टर्म के बारे में जानकारी दी.
पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातों पर नजर डालते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मां लक्ष्मी को नमन कर संबोधन की शुरुआत की. उन्होंने कहा, "आज बजट सत्र की शुरुआत में मैं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को नमन करता हूं. सदियों से हम ऐसे अवसरों पर मां लक्ष्मी को याद करते आ रहे हैं. मैं महालक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब और मध्यम वर्ग पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहे." यह भी पढ़ें : UPI Transaction: 1 फरवरी से यूपीआई ट्रांजैक्शन आईडी में स्पेशल कैरेक्टर्स को शामिल करने की नहीं होगी अनुमति, NPCI ने लगाया प्रतिबंध
पीएम मोदी ने इसे 2047 के संकल्प का विजन बताया. बोले , "हमारे गणतंत्र ने 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं. यह देश के प्रत्येक नागरिक के लिए बहुत गर्व की बात है. इस देश की जनता ने मुझे तीसरी बार जिम्मेदारी दी है. यह मेरे तीसरे कार्यकाल का पूर्ण बजट है. मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यह बजट नई ऊर्जा देगा, यह विश्वास दिलाता है कि 2047 तक देश का विकास होगा और 140 करोड़ लोग अपने संकल्प के साथ इस विजन को पूरा करेंगे."
इसे युवा सांसदों के लिए सुनहरा मौका करार दिया. उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "इस बजट सत्र में सभी सांसद विकसित भारत को मजबूती देने के लिए अपना योगदान देंगे. विशेषकर जो युवा सांसद हैं, उनके लिए तो ये सुनहरा अवसर है. क्योंकि वो सदन में जितनी जागरूकता और भागीदारी बढ़ाएंगे, विकसित भारत के फल उनकी नजर के सामने देखने को मिलेंगे."
पीएम मोदी ने बजट से पहले 'विदेशी कोने से चिंगारी भड़काने' वाली बात भी कही. बोले, "मैं 2014 से देख रहा हूं कि हर सत्र से पहले शरारत करने के लिए लोग तैयार बैठते थे और यहां उन्हें हवा देने वालों की कोई कमी नहीं है. 10 साल बाद ये पहला सत्र मैं देख रहा हूं, जिसमें किसी भी विदेशी कोने से कोई चिंगारी नहीं भड़काई गई."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विका�