बजट 2025-26: सरकार की बड़ी घोषणाएं, मध्यमवर्ग को कुछ राहत
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार रिकॉर्ड आठवीं बार बजट पेश किया. वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नए कदम सुझाए गए हैं. वहीं मध्यमवर्ग को भी आयकर (इनकम टैक्स) से थोड़ी राहत दी गई है.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट में मध्यमवर्ग और किसानों के लिए कई घोषणाएं की हैं. इसके अलावा भारत की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए न्यूक्लियर एनर्जी मिशन लॉन्च करने की बात कही है. बजट भाषण में बिहार और असम राज्य का जिक्र भी कई बार हुआ. बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं.

मध्यमवर्ग के लिए क्या

वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि अब लोगों को 12 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई इनकम टैक्स नहीं चुकाना होगा. साथ ही वेतन पाने वाले लोगों को 75 हजार की स्टैंडर्ड छूट भी मिलेगी. इसके अलावा इनकम टैक्स से जुड़ा नया कानून जल्दी ही संसद में पेश होगा. सीतारमण के मुताबिक, नए आयकर विधेयक को सरल किया गया है और बहुत से पुराने प्रावधान हटाए गए हैं. उम्मीद की जा रही है कि इस राहत से लोग ज्यादा खर्च करेंगे और अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी. इसके अलावा किराये से होने वाली आमदनी पर टीडीएस के लिए वार्षिक सीमा 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये की गई है.

कैंसर जैसी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए बजट से एक अच्छी खबर आई. वित्त मंत्री ने कहा है कि 36 लाइफ सेविंग ड्रग्स यानी जीवनरक्षक दवाओं को उस सूची में जोड़ा जाएगा, जिन पर कोई बेसिक कस्टम ड्यूटी नहीं लगेगी. इन महत्वपूर्ण दवाओं पर टैक्स में 5 प्रतिशत की रियायत के साथ ही उन्हें बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर भी पूरी सीमा शुल्क हटाने की बात कही गई है. सीतारमण ने कहा है कि सरकार सभी जिला अस्पतालों में कैंसर डे-केयर सेंटर खोलेगी और 200 ऐसे सेंटर इसी वित्त वर्ष में खोले जाएंगे.

भारत में विकास दर चार सालों में सबसे निचले स्तर पर

शिक्षा क्षेत्र में नए प्रयोग

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में 2014 के बाद बने 5 आईआईटी संस्थानों में 6,500 सीटें बढ़ाने और आईआईटी पटना में हॉस्टल समेत बुनियादी ढांचा सुधारने की घोषणा की है. इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर अगले एक साल में 10 हजार सीटें बढ़ाई जाएंगी. वित्त मंत्री ने इसे अगले पांच साल में 75,000 सीटें बढ़ाने के लक्ष्य की ओर एक कदम बताया है.

देश के शीर्ष रिसर्च संस्थानों में शोध के लिए रिसर्चरों को मिलने वाली पीएम रिसर्च फेलोशिप को जारी रखा जाएगा. सीतारमण ने बताया कि अगले 5 वर्षों में 10 हजार पीएम रिसर्च फेलोशिप दी जाएंगी. शिक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए 500 करोड़ की लागत से एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोला जाएगा.

इसके अलावा सरकार ने बच्चों के अंदर जिज्ञासा और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए अगले 5 वर्षों में देश के सरकारी स्कूलों में 50 हजार टिंकरिंग लैब खोलने की घोषणा की है. इसके अलावा भारतनेट प्रोजेक्ट के तहत सभी सरकारी स्कूलों और प्राइमरी हेल्थ सेंटरों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने की घोषणा हुई है. सरकार ने भारतीय भाषा पुस्तक स्कीम की घोषणा भी की है, जिसमें स्कूली और उच्च शिक्षा की किताबें डिजिटल रूप में भारतीय भाषाओं में उपलब्ध करवाई जाएंगी.

इस बजट में शिक्षा मंत्रालय को 1.28 लाख करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं, जिसमें स्कूली शिक्षा विभाग को 78,582 करोड़ और उच्च शिक्षा विभाग को 50,067 करोड़ रुपये मिलेंगे. यह आबंटन पिछले बजट से 6.65 प्रतिशत ज्यादा है. आईआईएम जैसे महंगे सरकारी शिक्षण संस्थानों का बजट इस बार बढ़ाया गया है वहीं विज्ञान और शिक्षा क्षेत्र में शोध के लिए बने आईआईएससीआर संस्थानों को कम बजट आबंटित किया गया है.

परमाणु ऊर्जा को महत्व

सरकार ने बजट में छोटे परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को बढ़ावा देने की घोषणा की है. इसके चलते स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टरों के विकास और शोध के लिए 20,000 करोड़ की लागत का 'न्यूक्लियर एनर्जी मिशन' लॉन्च किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऊर्जा बदलाव की कोशिशों के मद्देनजर 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता विकसित करना जरूरी है.

वित्त मंत्री के मुताबिक, इस योजना के तहत 5 स्वदेशी स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर साल 2033 तक चालू हो जाएंगे. इस परियोजना में सरकार निजी क्षेत्र को सक्रिय भागीदार बनाना चाहती है जिसके लिए एटॉमिक एनर्जी एक्ट समेत संबंधित कानूनों में जरूरी संशोधन किए जाएंगे.

कृषि क्षेत्र के लिए नई योजनाएं

बजट में कहा गया है कि सरकार 'राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन' शुरू करेगी, जिसका लक्ष्य रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूत करना और उच्च पैदावार वाले बीजों की 100 से अधिक किस्मों को कमर्शियली उपलब्ध कराना होगा. सरकार अरह, उड़द और मसूर की फसलों पर विशेष ध्यान देने के साथ 6-वर्षीय “दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन” शुरू करेगी.

इस योजना के तहत रजिस्टर होने वाले किसानों से केंद्रीय एजेंसियां- नेफेड और एनसीसीएफ अगले 4 वर्षों के दौरान उनकी सारी उपज खरीदेंगी. बजट में घोषणा की गई है कि किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये मिलने वाले कर्ज की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी जाएगी.

पढ़ें:खेती पर खर्च बढ़ा सकती हैं निर्मला सीतारमण

इसके अलावा राज्यों की भागीदारी से ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ शुरू की जाएगी. इसमें कम उत्पादकता और कम उपज वाले देश के 100 जिलों को शामिल किया जाएगा. सरकार का दावा है कि इस योजना से करीब 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलेगी. कपास की खेती की उत्पादकता और निरंतरता में सुधार लाने के लिए पांच वर्षीय मिशन की घोषणा की गई है. इसमें कपास की ज्यादा लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा दिया जाएगा.

बजट पर प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे "140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का बजट" बताया. मोदी ने कहा कि यह बजट बचत, निवेश, खर्च और ग्रोथ को बढ़ाएगा.

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इसे "गोली के जख्मों पर बैंड-एड बताया."

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बजट में मध्यमवर्ग के लिए सस्ता कर्ज और किसानों के लिए कर्ज माफी समेत जीएसटी पर सवाल उठाए.

समाजवादी पार्टी के प्रमुख, सांसद अखिलेश यादव ने कहा, "सरकार बजट के आंकड़े के साथ महाकुंभ में जान गंवानेवाले श्रद्धालुओं के आंकड़े दे."

आरएस/एसएम(रॉयटर्स, एएफपी)