Budget 2022: आयकर की धारा 80C के बिना इन 10 तरीकों से बचाए Income Tax
(Photo Credit : Pixabay)

नई दिल्ली, 24 जनवरी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट 2022 (Budget 2022) पेश करेंगी. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत प्रस्तुत यह पूरे वित्तीय वर्ष में सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय घटना है. लोगों को इस साल बजट से ढेर सारी उम्मीदें (Expectations from Budget) हैं क्योंकि पिछले 2 साल से दुनिया  कोरोना महामारी (Corona) से लड़ रही है. Budget 2022: FADA ने दोपहिया वाहनों पर GST घटाकर 18 प्रतिशत करने की मांग की

वेतनभोगी लोगों के लिए यह बजट और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार टैक्स से संबंधित नए नियम भी लेकर आती है. आयकर के नियम बदलने का असर वेतनभोगी कर्मचारियों के जीवन पर भी पड़ता है. आगामी बजट से उम्मीदें हैं कि सरकार धारा 80 C के तहत निवेश पर टैक्स छूट का दायरा बढ़ा सकती है, जिससे आम निवेशकों को काफी लाभ होगा.

धारा 80C का उपयोग किए बिना कैसे बचाए टैक्स (How to Save Income Tax without using Section 80C)

धारा 80C, 80CCD (1) और 80CCC के तहत टैक्स छूट 1.5 लाख रुपये है. हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह लिमिट बढ़ाकर 2 लाख रुपये की जा सकती है. यहां टैक्स बचाने के लिए धारा 80सी के अलावा 10 अन्य विकल्प दिए गए हैं.

धारा 80डीडी

यह प्रावधान विकलांग आश्रितों के लिए है. 80 प्रतिशत विकलांगता तक, व्यक्ति धारा 80DD के तहत 75,000 रुपये की छूट का दावा कर सकते हैं. वहीं गंभीर विकलांग1.25 लाख रुपये की छूट का लाभ उठा सकते हैं. कटौती का दावा करने के लिए अधिकृत चिकित्सा प्राधिकारी से विकलांगता का प्रमाण पत्र आवश्यक है.

धारा 80डी  (Section 80D)

यह प्रावधान स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर कटौती के लिए है. करदाता स्वयं बीमा के लिए 25,000 रुपये बचा सकते हैं. उस राशि से अधिक, वे 60 वर्ष से कम आयु के माता-पिता के लिए 25,000 रुपये भी बचा सकते हैं. 60 वर्ष से अधिक आयु के माता-पिता के लिए 1 लाख रुपये की कटौती की अनुमति है.

धारा 80ईई (Section 80EE)

यह प्रावधान होम लोन के ब्याज भुगतान के तहत टैक्स छूट  के लिए है, लेकिन यह केवल पहली बार घर खरीदने वालों को ही इसका फायदा मिलेगा. करदाता इस धारा के तहत 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट का दावा कर सकते हैं.

धारा 80ई (Section 80E)  

अगर आपने एजुकेशन लोन लिया है तो इस सेक्शन का इस्तेमाल किया जा सकता है. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस धारा के तहत छूट की कोई ऊपरी सीमा नहीं है.

धारा 80जीजी (Section 80GG)

यह सेक्शन उन लोगों के लिए है, जिन्हें सैलरी में एचआरए (HRA) नहीं मिलता है, जो 5,000 रुपये प्रति माह तक की कुल आय के 25 प्रतिशत से कम किराए का भुगतान करते हैं, वे इसका लाभ उठा सकते हैं.

धारा 80जी (Section 80G) 

यह खंड धर्मार्थ संस्थानों को दान के लिए है. संस्था के आधार पर, आप दान की गई राशि के 50 प्रतिशत या 100 प्रतिशत की छूट का दावा कर सकते हैं. इनमें राष्ट्रीय बाल कोष आदि में किया गया दान भी शामिल है.

धारा 80TTA (Section 80TTA)

यह खंड बचत खाताधारकों के लिए है, जिन लोगों के पास किसी भी प्रतिबंध में बचत खाता (Savings Account) है, वे 10,000 रुपये की छूट का दावा कर सकते हैं.

धारा 80डीडीबी (Section 80DDB) 

यदि आप किसी विशेष बीमारी का इलाज करा रहे हैं तो आप इस सेक्शन का लाभ उठा सकते हैं. यदि आपकी आयु 60 वर्ष से कम है, तो आपको 40,000 रुपये की छूट की अनुमति है. 60 से अधिक वर्षों में, आपको 1 लाख रुपये की छूट मिलेगी.

धारा 80यू (Section 80U) 

यह खंड विकलांग करदाताओं के लिए भी है. वे इस धारा के तहत 75,000 रुपये की कटौती का दावा कर सकते हैं और गंभीर विकलांगता के मामले में वे 1.25 लाख रुपये की छूट का दावा कर सकते हैं.

धारा 80जीजीबी और धारा 80जीजीसी (Section 80GGB) and (Section 80GGC)

इस धारा के तहत, किसी भी राजनीतिक दल को दान के मामले में छूट का लाभ मिल सकता है. यह दोनों कंपनियों के साथ-साथ व्यक्तियों पर भी लागू होता है. एक निवेशक के रूप में, सही जानकारी होने से आप टैक्स से संबंधिक काफी पैसे बचा सकते हैं.