Budget 2021-22: इंश्योरेंश सेक्टर के लिए सकारात्मक है बजट के प्रावधान: फिच रेटिंग्स

फिच रेटिंग्स ने कहा है कि बीमा कंपनियों और एलआईसी की लिस्टिंग पर विदेशी स्वामित्व कैप को सरल बनाने संबंधी देश के 2021-2022 के बजट प्रस्तावों से विदेशी पूंजी आकर्षित करने, सॉल्वेंसी को मजबूत करने और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में इस उद्योग को मदद मिलेगी.

बजट 2021-2022 ( photo credit : ians )

नई दिल्ली, 9 फरवरी : फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने कहा है कि बीमा कंपनियों और एलआईसी की लिस्टिंग पर विदेशी स्वामित्व कैप को सरल बनाने संबंधी देश के 2021-2022 के बजट प्रस्तावों से विदेशी पूंजी आकर्षित करने, सॉल्वेंसी को मजबूत करने और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में इस उद्योग को मदद मिलेगी. साथ ही रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा कि ये प्रस्ताव वैश्विक बीमा कंपनियों (Global insurance companies) को तेजी से विस्तार करने वाले भारतीय बाजार में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं. जबकि, घरेलू कंपनियों में पहले से ही कम अशंधारक अंतर्राष्ट्रीय बीमाकर्ता मध्यम अवधि में अपने स्वामित्व को बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं. गौरतलब है कि केंद्रीय बजट में बीमा कंपनियों पर विदेशी स्वामित्व की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है. इससे विदेशी निवेशकों को पहली बार भारत स्थित बीमा कंपनियों में अधिकांश अंशधारक (मेजॉरिटी स्टेक) बनने का मार्ग प्रशस्त करेगा.

इसके अलावा, केंद्र ने पर्याप्त स्थानीय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नई आवश्यकताओं का भी प्रस्ताव किया. मसलन - अधिकांश बीमा कंपनियों के प्रमुख प्रबंधन कर्मी और बोर्ड के सदस्य निवासी भारतीय होने चाहिए और बोर्ड में कम से कम आधे स्वतंत्र निदेशक शामिल हों. बहरहाल, सरकार की यह भी योजना है कि बीमा कंपनी के पास जनरल रिजर्व के रूप में लाभ का एक निर्दिष्ट प्रतिशत रखा जाए ताकि विदेशी पैरंट्स द्वारा अत्यधिक पूंजी निकासी को रोका जा सके. एजेंसी ने एक बयान में कहा, "फिच को उम्मीद है कि अंतर्राष्ट्रीय बीमा कंपनियों को आकर्षित करने और इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए विदेशी-स्वामित्व वाले नियमों में छूट दी जा सकती है. इससे बीमाकर्ताओं की पूंजी तक पहुंच बढ़ेगी और इस तरह उद्योग की सॉल्वेंसी स्थिति में सुधार भी हो सकती है." यह भी पढ़ें : Budget 2021: राहुल गांधी का केंद्र पर निशाना, कहा-ना जवान ना किसान, मोदी सरकार के लिए 3-4 उद्योगपति मित्र ही भगवान!

बयान में कहा गया है कि "हम यह भी मानते हैं कि बीमाकर्ताओं के वितरण नेटवर्क को विकसित करने, डिजिटलीकरण को सक्षम करने और मार्केटिंग व क्लाइंट सर्विसिंग जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता लाने के लिए नई पूंजी के इनफ्लक्स को चैनलाइज किया जा सकता है जो आगे चलकर बीमा क्षेत्र में निवेश में और सुधार लाएगा." सरकार ने मार्च 2022 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में आईपीओ के माध्यम से देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को सूचीबद्ध करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने के लिए बजट का उपयोग किया है.

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