Budget 2020: आम बजट-2020 (Union Budget) का इंतजार बहुत जल्दी ही खत्म होने वाला है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) लगातार दूसरा बार एक फरवरी को संसद (Parliament) में देश का बजट पेश करेंगी. रोजगार की कमी, कमजोर निवेश और जीडीपी ग्रोथ में गिरावट के साथ देश की अर्थव्यवस्था (Economy) अभी चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही है. ऐसे में सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मोदी सरकार कई बड़े फैसले ले सकती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार केंद्रीय बजट 2020-21 में बुनियादी ढाँचे (Infrastructure) पर खर्च बढ़ाएगी. इसके अलावा उपभोक्ता मांग और निवेश (Investment) को बढ़ाने के लिए कुछ व्यक्तिगत करों में कटौती का ऐलान भी कर सकती है. सरकारी सूत्रों और अर्थशास्त्रियों के हवाले से एक रिपोर्ट में यह बताया गया है. Budget 2020: ठीक 2 दिन बाद पेश होगा आम बजट, जानें उन सवालों के जवाब, जो शायद ही जानते होंगे आप
उल्लेखनीय है कि भारत एक दशक में अपनी सबसे खराब आर्थिक मंदी (Economic Slowdown) का सामना कर रहा है. जुलाई-सितंबर की तिमाही में विकास दर 4.5% तक लुढ़क गई. परिणामस्वरूप लाखों नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. साथ ही रोजगार की संभावनाएं भी घटती जा रही है. कॉरपोरेट करों में कटौती और केंद्रीय बैंक द्वारा कर्ज में ढील के बावजूद निवेशकों में कोई खासा इजाफा नहीं हुआ है.
अर्थशास्त्रियों और निवेशकों का कहना है कि 1 अप्रैल से मान्य होने वाले बजट में राजकोषीय प्रोत्साहन (Fiscal Stimulus) के साथ-साथ सड़कों, रेलवे और ग्रामीण कल्याण पर खर्च बढ़ाने से विकास को फिर से गति दी जा सकती है. जबकि केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण बजट में अगले पांच वर्षों के दौरान बुनियादी ढांचे के लिए 105 लाख करोड़ रुपये निवेश की योजना का ऐलान कर सकती है.
मोदी सरकार ने वर्तमान 2.8 ट्रिलियन डॉलर की भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है. इसी के तहत 2014 में देश का सर्वोच्च पद संभालने के बाद पीएम मोदी ने सड़कों, रेलवे, हवाईअड्डों और बंदरगाहों पर राज्य खर्च में वृद्धि की. साथ ही केंद्र सरकार ने निजीकरण को भी बढ़ावा देने का फैसला लिया.