Budget 2020: वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आम-बजट आने में कुछ ही दिन रह गये हैं. देश की कमजोर अर्थव्यवस्था को देखते हुए हर किसी की नजर आम बजट-2020 पर है. अब देखने वाली बात यह होगी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहली फरवरी 2020 को संसद में बजट पेश करते हुए जनता की उम्मीदों को किस हद तक पूरी करेंगी! क्योंकि जनता को वित्त मंत्री से बड़ी-बड़ी उम्मीदें हैं. उन्हें उम्मीद है कि वित्त मंत्री कॉरपोरेट टैक्सों में कमी की तर्ज पर आयकर में राहत देंगी, उन्हें उम्मीद है कि 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक के स्लैब पर 5 फीसदी का स्लैब बरकरार रहेगा, उन्हें उम्मीद है कि 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय पर आयकर 20 फीसदी से 10 फीसदी किया जायेगा, उन्हें यह भी उम्मीद है कि 10 लाख रूपये से 25 लाख रुपये तक की सालाना आय पर आयकर 20 फीसदी कर दिया जायेगा.
लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा टैक्स कलेक्शन की हो-
कमजोर अर्थव्यवस्था की एक बड़ी वजह कम टैक्स कलेक्शन भी है. ऐसे में टैक्स में थोड़ी राहत की उम्मीद तो बनती है. मसलन बजट-2020 में 25 लाख से एक करोड़ रुपये तक की आय वालों से 25% की दर से टैक्स वसूली की व्यवस्था हो और, एक करोड़ से अधिक की आय वालों से 30% टैक्स हासिल किया जाये. क्योंकि इतनी आय अर्जित करने वाले इतना टैक्स भर सकते हैं. इसके साथ ही ऐसी भी व्यवस्था हो कि अधिक टैक्स भरने वालों को सरचार्ज से मुक्त किया जाये. क्योंकि लाफर्स कर्व (Laffer’s Curve) बताता है कि जितना ज्यादा टैक्स लिया जायेगा, उतना ही टैक्स कलेक्शन कम होता है. Budget 2020: देश को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से है ये 10 बड़ी उम्मीदें
5 लाख के करीबी लोगों को दिया जाये राहत-
वर्तमान भारतीय कर व्यवस्था के अनुसार 5 लाख रूपये तक की सालाना आमदनी वालों पर 12,500 रूपये तक के टैक्स की छूट मिलती है. यद्यपि आमदनी जैसे ही 5 लाख रूपये की सीमा को पार करती है, करदाता पर 12,500 का बोझ बढ़ जाता है. कुछ लोगों के मामले में तो 5 लाख रूपये से ऊपर की आय 12,500 भी नहीं होती, बावजूद इसके इतने टैक्स की देनदारी हो जाती है. ऐसे वर्ग के लिए करों का भुगतना करना भारी हो जाता है. वित्त मंत्री को ऐसे लोगों को राहत देने की ओर गंभीरता पूर्वक ध्यान देना चाहिए.
राहत मिले घर खरीदने वालों को-
फिलहाल होम लोन से जुड़े नियमों के अनुसार अपने रहने के लिए खरीदे जाने वाले आवास पर मिलने वाले हाउसिंग लोन पर 2 लाख रूपये तक के ब्याज पर टैक्स में छूट का प्रावधान है. यद्यपि किसी ने उससे कितना भी ज्यादा ब्याज चुकाया हो, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. वर्तमान कर प्रणाली के अनुसार कोई एक व्यक्ति अपनी दो संपत्तियों के लिए टैक्स में राहत के लिए क्लेम कर सकता है. ऐसे केस में भी टैक्स में छूट की सीमा 2 लाख रुपये ही निर्धारित है. अच्छा होगा अगर ऐसे लोगों को आनुपातिक बेस पर टैक्स में अधिक छूट दी जाये.