Budget 2019: सैन्य आधुनिकीकरण के लिए मोदी सरकार बढ़ा सकती है रक्षा बजट
मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में रक्षा बजट को बढ़ा सकती है जिससे सेना की जरूरते पूरी हो सके. 'सैन्य आधुनिकीकरण' इस बार के रक्षा बजट का प्रमुख बिंदु होगा.
मोदी सरकार 2.0 में रक्षा मंत्रालय को अच्छे बजट की उम्मीद है. तीनों सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए रक्षा मंत्रालय ने बजट में 20-25 फीसदी की बढ़ोतरी की मांग की गई है. रिपोर्ट्स के अनुसार इस रक्षा बजट (Defence Budget) को लेकर सरकार के सामने कई तरह की चुनौतियां हैं. केंद्र सरकार का कहना है कि रक्षा क्षेत्र के बजट को प्राथमिकता में रखा गया है. मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में रक्षा बजट को बढ़ा सकती है जिससे सेना की जरूरते पूरी हो सके. 'सैन्य आधुनिकीकरण' इस बार के रक्षा बजट का प्रमुख बिंदु होगा.
फरवरी में पेश अंतरिम बजट में 3.18 लाख करोड़ के रक्षा बजट का प्रावधान किया गया था. इसके अलावा 1.12 लाख करोड़ रुपये पेंशन के लिए दिए गए. लेकिन आधुनिकीकरण के बजट में महज सात फीसदी बढ़ोतरी हुई थी. सात फीसदी की बढ़ोतरी पर रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह बढ़ोतरी नहीं है, इतना प्रभाव तो महंगाई बढ़ने का ही आ जाता है. इस कारण अहम परियोजनाओं में देरी हो सकती है.
जीडीपी के अनुपात में 2 फीसदी रक्षा बजट की मांग
सीमा पर सुरक्षा के लिए रक्षा मंत्रालय को इस बार बजट से खास उमीदें हैं. भारत के पड़ोसी देश अपनी सेना की क्षमता में बढ़ोतरी कर रहे हैं. अधिकतर देश रक्षा बजट पर अपने जीडीपी का 2 से 2.5 फीसद खर्च करते हैं.भारत के 2 पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान लगातार रक्षा पर अपने जीडीपी का 2 फीसद से अधिक खर्च कर रहे हैं.
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अब तक रक्षा बजट की बात की जाए तो भारत में यह जीडीपी की अनुपात में 1.4 फीसद रहा है. कई सालों से रक्षा बजट बढ़ाने की मांग चल रही है. रक्षा बजट जीडीपी के अनुपात में 2 फीसद से ज्यादा करने की मांग चल रही है और भारत के पड़ोसी देशों को देखते हुए भी यह और जरुरी हो गया है.
तीनों सेनाओं को आधुनिकीकरण की जरुरत
देश में नए हथियार, विमान, युद्धक पोत और अन्य सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए रक्षा बजट में बढ़ोतरी की जरूरत है. तीनों सेनाओं में आधुनिकीकरण की जरूरत है उसके लिहाज से बजट में बढ़ोतरी होनी चाहिए.
भारतीय नौसेना में मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर, आधुनिक पनडुब्बियों आदि की जरूरत है. भारतीय वायु सेना एक दशक से अधिक समय से अपने पुराने लड़ाकू विमानों की जगह नए लड़ाकू विमानों की खरीद का इंतजार कर रही है. भारतीय थल सेना भी ज्यादातर पुराने उपकरण इस्तेमाल कर रही है. थल सेना को भी आधुनिक टैंक और पैदल सेना से लड़ने वाले वाहनों के अलावा लड़ाकू वाहनों की जरूरत है.