लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) स्थित गोरखपुर जिले (Gorakhpur) में के बीआरडी मेडिकल कॉलेज (BRD Medical College) में अगस्त 2017 में ऑक्सिजन की कमी के चलते हुई बच्चों की मौत के मामले में डॉ. कफील अहमद खान (Dr. Kafeel Ahmed Khan) द्वारा क्लीन चिट (Clean Chit) मिलने के दावों को गलत बताया जा रहा है. इस मामले में गुरुवार को उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव रजनीश दुबे (Rajneesh Dubey) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह साफ किया कि डॉ. कफील अहमद खान को सरकार की तरफ से कोई क्लीन चिट नहीं दी गई है और उनके खिलाफ 7 आरोपों में जांच चल रही है. उन्होंने कहा कि डॉ. कफील द्वारा विभिन्न मीडिया संस्थानों और सोशल मीडिया पर खुद को जांच में दोषमुक्त पाए जाने के दावे किए जा रहे हैं, जो बिल्कुल निराधार है.
रजनीश दुबे ने डॉ. कफील द्वारा जांच में खुद को दोषमुक्त बताए जाने के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उनके खिलाफ 7 आरोपों में जांच की जा रही है और सरकार की तरफ से उन्हें क्लीन चीट नहीं दी गई है.
बीआरडी केस में डॉ. कफील खान को नहीं मिली क्लीन चीट
UP Principal Secretary Medical Education,Rajnish Dube: Dr Kafeel Ahmed Khan (charged in connection with children's death at BRD medical college of Gorakhpur in August 2017) hasn't been given clean chit by the govt. Probe is still underway against him in 7 charges. pic.twitter.com/RLZ8yDCqOm
— ANI UP (@ANINewsUP) October 3, 2019
उनका कहना है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की आकस्मिक मौत की घटना में दोषी पाए जाने के बाद डॉ. कफील के खिलाफ 4 मामलों में विभागीय कार्यवाई की गई थी. डॉ. कफील के खिलाफ सरकारी सेवा में रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस करने और निजी नर्सिंग होम चलाने का आरोप साबित हो गया, जिसपर निर्णय लिए जाने की प्रक्रिया चल रही है. यह भी पढ़ें: गोरखपुर ऑक्सीजन कांड: बीआरडी हॉस्पिटल में 60 बच्चों की मौत के मामले में दो साल बाद डॉ कफील खान को मिली क्लीन चिट
बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 में ऑक्सिजन की कमी के कारण 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी. जिसके बाद डॉक्टर कफील को चिकित्सा लापरवाही, भ्रष्टाचार के आरोपों में सस्पेंड कर दिया गया था. डॉ कफील ने इन आरोपों के चलते 9 महीने जेल में काटे थे. जमानत पर बाहर आने के बावजूद डॉ. कफील लगातार सस्पेंड रहे.