बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि सोने वाले व्यक्ति को उसके साथ लड़ाई करने के घंटों बाद मारना, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत हत्या के गंभीर अपराध के दायरे में आएगा, न कि गैर इरादतन हत्या के कम अपराध के तहत. Hate Speech Case: हेट स्पीच मामले में सपा नेता आजम खान दोषी करार, सजा के बाद जा सकती है विधायकी

जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने ट्रक क्लीनर की सजा को हत्या से गैर इरादतन हत्या में बदलने से इनकार कर दिया. पीठ ने उन्हें दी गई आजीवन कारावास की सजा को भी बरकरार रखा. कोर्ट ने कहा  "मृतक पर जोश की गर्मी में हमला नहीं किया गया था, हमला दोषी और मृतक के बीच झगड़े के काफी बाद हुआ था.

क्या है मामला

अपीलकर्ता ने उस पर हमला तब हमला किया जब वह सो रहा था. साल 2011 में स्वतंत्रता दिवस के दिन दोषी और मृतक दोनों सुबह से ही शराब पी रहे थे. अपीलकर्ता ने मृतक का मोबाइल फोन ले लिया और उसे अपने ट्रक के एक बॉक्स के अंदर रख दिया.

मृतक ने अपने अन्य दोस्तों को इसके बारे में सूचित किया और जब एक दोस्त ने उसके नंबर पर कॉल किया, तो पता चला की फोन ट्रक में है. इसके बाद दोनो के बीच झगड़ा हुआ. इसके बाद, जब मृतक ट्रक के पिछले हिस्से में सो रहा था, तब अपीलकर्ता लकड़ी का लट्ठा लेकर लौटा और मृतक के साथ मारपीट की. उसके दोस्तों ने हंगामा सुना और जब वे ट्रक पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि दोषी शख्स मृतक के साथ मारपीट कर रहा है और उसके मुंह, आंख और नाक से खून बह रहा है. अपीलार्थी तुरंत मौके से फरार हो गया.

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