पणजी: मुंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने गोवा के मुख्यमंत्री (Goa Chief Minister) मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) की मेडिकल जांच कराने और उनकी बीमारी को जानकारी सार्वजनिक करने की मांग करने वाली एक याचिका गुरुवार को खारिज कर दी. पर्रिकर अग्नाशय संबंधी बीमारी से ग्रसित हैं और वह अक्टूबर से ज्यादातर समय अपने घर में ही हैं. न्यायमूर्ति पृथ्वीराज के. चव्हाण और न्यायमूर्ति आरएम बोरडे ने इस याचिका को एक व्यक्ति की निजता के क्षेत्र में गंभीर हस्तक्षेप करने की आधी अधूरी कोशिश बताया.
याचिकाकर्ता त्रजानो डी मेल्लो ने पर्रिकर के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मांगी थी. उन्होंने यह मांग की थी कि डॉक्टरों की एक टीम उनकी जांच करे और उनके स्वास्थ्य की एक रिपोर्ट सौंपे जो सार्वजनिक की जाए, लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया.
Panaji bench of the Bombay High Court today dismissed a petition seeking medical examination of ailing Goa Chief Minister Manohar Parrikar while upholding his right to privacy and also ruled that ill-health does not make one incapable to occupy the constitutional position. pic.twitter.com/xXPR7eF9hD
— ANI (@ANI) December 20, 2018
अदालत ने कहा कि संवैधानिक पदाधिकारी महज अपने खराब स्वास्थ्य के आधार पर संवैधानिक पद पर रहने में अक्षम नहीं हैं, जिस पद पर वह विधानसभा में साबित बहुमत के बूते हैं. साथ ही, कोई भी व्यक्ति जिसके राजनीतिक हित हैं वह राजनीतिक सत्ता से उन्हें बेदखल करने के लिए एक लोकतांत्रिक तरीके का इस्तेमाल कर सकता है. यह भी पढ़ें: CM मनोहर पर्रिकर की हालत में सुधार, नाक में लगे नेजल ट्यूब के साथ जुआरी ब्रिज का निरीक्षण करने पहुंचे
गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने यह भी कहा कि याचिका के जरिए मुख्यमंत्री को कार्यवाही में पक्षकार बनाए बगैर काफी निजी और गोपनीय सूचना मांगी गई है जो उनकी निजता के बारे में है। उन्होंने कहा , ‘‘यह स्वीकार्य नहीं है.’’