उत्तराखंड: कभी लगाते थे चाऊमीन का स्टॉल, बेचते थे पान और आज हैं देहरादून के मेयर, सुनील उनियाल गामा की सफलता की कहानी

एक समय पर नटराज सिनेमा के सामने चाऊमीन बेचने से लेकर पान बेचने जैसे काम करना वाले सुनील उनियाल अब देहरादून के मेयर बन गए हैं. 1991 में बीजेपी के युवा मोर्चा के सदस्य बनने के बाद से उनके राजनीतिक करियर का आगाज हुआ.

सुनील उनियाल गामा (Photo Credit-Facebook)

देहरादून: उत्तराखंड निकाय चुनाव के नतीजे आ गए हैं. इन चुनावों में मेयर पद के लिए बीजेपी के प्रत्याशियों ने बाजी मारी. इन चुनावों में राज्य के आम चेहरे निखर कर सामने आए. सुनील उनियाल गामा ऐसा ही एक नाम है, जिनकी जिंदगी में इस चुनाव के बाद बड़ा बदलाव आया है. एक समय पर नटराज सिनेमा के सामने चाऊमीन बेचने से लेकर पान बेचने जैसे काम करने वाले सुनील उनियाल अब देहरादून के मेयर बन गए हैं. 1991 में बीजेपी के युवा मोर्चा के सदस्य बनने के बाद से उनके राजनीतिक करियर का आगाज हुआ और अब पार्टी से जुड़ने के दशकों बाद बीजेपी से प्रत्याशी के रूप में चुनावों में उतरने वाले सुनील बुधवार को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के मेयर बन गए हैं.

56 वर्षीय सुनील उनियाल गामा कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश अग्रवाल से 35,632 वोट के बड़े अंतर से जीते. वर्तमान में सुनील अब एक बिल्डिंग कॉन्ट्रेकटर हैं. उन्होंने अपनी जीत के बाद कहा, ‘केवल बीजेपी ही ऐसी पार्टी है जो मुझ जैसे आम पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को टिकट देगी. मैंने कई आम नौकरियां की हैं जैसे पान की दुकान चलाना, फोटो खिंचना और चाऊमीन बेचना’.

सुनील उनियाल की पत्नी शोभा एक सरकारी कर्मचारी हैं, उनकी बेटी सीए की तैयारी कर रही हैं और बेटा इंजिनियर है. अपने उपनाम गामा के बारे में सुनील उनियाल ने बताया कि स्थानीय लोगों ने उन्हें यह नाम दिया क्यों कि उनकी फिजीक यहां के स्थानीय पहलवान 'गामा' से काफी मिलती जुलती है.

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