नई दिल्ली, 17 अगस्त : नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में महागठबंधन सरकार के गठन से सबक लेते हुए अब भाजपा ने पूरे बिहार में संगठन विस्तार को लेकर विस्तृत रणनीति तैयार कर ली है. महागठबंधन में शामिल दलों के जातीय, सामाजिक और राजनीतिक जनाधार से चिंतित भाजपा ने काउंटर स्ट्रेटेजी के तहत 2024 के लोक सभा चुनाव में प्रदेश की 40 लोक सभा सीटों में से 35 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करने की रणनीति तैयार कर ली है. सूत्रों की माने तो, पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय में जेपी नड्डा की अध्यक्षता और अमित शाह की मौजूदगी में हुई बैठक में आलाकमान ने बिहार से जुड़े वर्तमान और पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और बिहार संगठन के दिग्गज नेताओं के साथ-साथ बिहार की भाजपा-जेडीयू गठबंधन सरकार में मंत्री रहे नेताओं को यह साफ-साफ बात दिया कि अब सबको पूरे बिहार में पार्टी का जनाधार मजबूत करने के लिए सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करना होगा. जनता के बीच जाकर इस धोखे वाले गठबंधन का पदार्फाश करना होगा और 2024 के लोक सभा चुनाव में बिहार के मतदाताओं का समर्थन हासिल कर 35 से ज्यादा सीटों पर जीतना होगा.
बैठक के बारे में बताते हुए बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बताया कि बैठक में बिहार से जुड़े सभी मुद्दों पर गहन और विस्तृत चर्चा हुई. उन्होंने जेडीयू-आरजेडी गठबंधन को धोखे वाला और पिछले दरवाजे से लालू राज को वापस लाने वाला गठबंधन करार देते हुए कहा कि इसके विरोध में भाजपा संसद से लेकर सड़क तक आंदोलन करेगी. जायसवाल ने यह भी दावा किया कि 2024 के लोक सभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा बिहार में 35 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करेगी. यह भी पढ़ें : महिलाओं का सम्मान करने का पीएम का आह्वान ‘मात्र शब्द’: वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम
दिल्ली भाजपा मुख्यालय में बिहार को लेकर, बिहार के नेताओं के साथ जेपी नड्डा और अमित शाह की हुई इस मैराथन बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष, बिहार के सह प्रभारी हरीश द्विवेदी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, अश्विनी चौबे, पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद एवं राधा मोहन सिंह, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, तारकिशोर प्रसाद एवं रेणु देवी, केंद्र और बिहार सरकार में मंत्री रह चुके शाहनवाज हुसैन और बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल समेत बिहार से जुड़े भाजपा के कई अन्य दिग्गज नेता भी शामिल हुए. दरअसल, कई दशकों तक बिहार की गठबंधन सरकार में छोटे भाई की भूमिका में रहने वाली भाजपा ने नीतीश कुमार के दो बार साथ छोड़ कर जाने से सबक लेते हुए अब अपने दम पर पार्टी को मजबूत करने का इरादा बना लिया है. सूत्रों की माने तो जरूरत पड़ने पर अब भाजपा बिहार में सिर्फ छोटे-छोटे दलों के साथ ही गठबंधन करेगी ताकि पार्टी के विस्तार अभियान में कोई रुकावट नहीं आए.