राज्य के भाजपा सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मिलने की संभावना है, ताकि उन्हें सीमावर्ती क्षेत्र की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी जा सके. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने राज्य के सांसदों से शाह से मिलने और तथ्य पेश करने को कहा था. महाराष्ट्र के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के गृह मंत्री से मिलने के बाद यह कॉल किया गया था. शाह ने इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का वादा किया था. आजादी के बाद यह पहला मौका है जब केंद्र कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद में हस्तक्षेप के लिए राजी हुआ है.
सांसदों का संसद भवन में शाह से मिलने का कार्यक्रम है. पार्टी सूत्रों ने कहा कि उन्हें अमित शाह से मिलने के लिए सुबह या दोपहर तक समय मिल जाएगा. केंद्रीय कोयला, खनन और संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) इस संबंध में शाह के साथ समन्वय कर रहे हैं और राज्य के सभी केंद्रीय मंत्री भी कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे.प्रतिनिधिमंडल महाराष्ट्र राज्य द्वारा उठाई गई शिकायत का विस्तृत स्पष्टीकरण देगा. प्रतिनिधिमंडल ने अदालती कार्यवाही और महाजन आयोग की रिपोर्ट के विवरण के साथ एक सबमिशन तैयार किया है.
महाराष्ट्र बेलगावी शहर और कर्नाटक के पांच जिलों के 865 गांवों पर दावा कर रहा है. मामला शीर्ष अदालत के समक्ष है और मामला जल्द ही अदालत के समक्ष आने की संभावना है. कर्नाटक महाराष्ट्र द्वारा याचिका की विचारणीयता पर सवाल उठा रहा है और कह रहा है कि राज्य की सीमाओं से संबंधित मुद्दों से निपटने का अधिकार केवल संसद के पास है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने प्रतिक्रिया व्यक्त की थी कि महाराष्ट्र के मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल से अमित शाह को बहुत फर्क नहीं पड़ेगा, इस प्रकार महाराष्ट्र के राजनेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.