राहुल गांधी की वेशभूषा पर बीजेपी ने उठाए सवाल, कहा-जनेऊ धारण करते हैं तो अपना गोत्र बताएं
राहुल गांधी और संबित पात्रा (Photo Credits: Twitter/IANS)

इंदौर: देश के पांच राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर देश की दो बड़ी पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस में घमासान तेज हो गया है. दोनों ही पार्टियां अपने वोटरों को लुभाने का और एक दूसरे पर सियासी बयानबाजी करने का कोई भी मौका अपने हाथ से जाने नहीं दे रही हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को महाकाल के दर्शन करने के लिए उज्जैन पहुंचे. जहां राहुल गांधी ने सफेद रंग की पारंपरिक पोषाक पहनकर महाकाल के दरबार में माथा टेका, लेकिन लगता है कि राहुल की यह वेशभूषा बीजेपी को रास नहीं आई.

राहुल गांधी के उज्जैन दौरे को लेकर बीजेपी ने अब कांग्रेस पर प्रहार किया है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल की वेशभूषा पर सवाल उठाते हुए कहा कि राहुल हिंदुओं को भ्रमित करने के लिए शर्ट के ऊपर जनेऊ पहनने की कोशिश कर रहे हैं. राहुल अपने आप को लोगों के सामने जनेऊधारी ब्राह्मण के रूप में पेश करने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन हम उनसे मांग करते हैं कि अगर वो जनेऊ धारण करते हैं तो अपना गोत्र बताएं. हालांकि बीजेपी के इस कटाक्ष पर कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन लोग राहुल को वेटिकन गोत्र का ब्राह्मण जरूर बता रहे हैं.

इसके साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेता शशि थरूर के शिवलिंग संबंधी विवादास्पद बयान को लेकर भी राहुल गांधी पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष हिंदुओं की आंखों में धूल झोंकने के लिए फैंसी ड्रेस हिंदुत्व का प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शशि थरूर ने अपने आपत्तिजनक बयान से करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र भगवान शिव के पवित्र शिवलिंग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अपमानित किया है. ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी महाकाल की पूजा कैसे कर सकते हैं. यह भी पढ़ें: महाकाल के दरबार में राहुल गांधी ने टेका माथा, कहा- 10 दिनों में होगी किसानों की कर्ज माफी, नहीं तो 11वें दिन चेंज हो जाएगा कांग्रेस का CM

बता दें कि बेंगलुरू लिटरेचर फेस्टिवल में अपने भाषण के दौरान शशि थरूर ने कहा था  कि संघ के एक सूत्र ने एक पत्रकार से बातचीत के दौरान असाधारण उपमा का इस्तेमाल करते हुए मोदी को रोकने में अपनी असमर्थता और निराशा जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि उस व्यक्ति का कहना था कि मोदी शिवलिंग पर बैठे उस बिच्छु की तरह है, जिसे न तो हाथ से हटाया जा सकता है और न ही चप्पल से मारा जा सकता है. उन्होंने यह कहा था कि यह उपमा रिश्ते की एक बेहद स्पष्ट समझ को पेश करती है. हालांकि अपने भाषण को लेकर विवाद उठने के बाद थरूर ने ट्वीट के जरिए यह स्पष्ट किया था कि ये बयान उनका नहीं है.