जवाहर लाल नेहरु और हरिवंश राय बच्चन काफी अच्छे मित्र थे. इस वजह से इंदिरा गांधी और तेजी बच्चन के बीच भी दोस्ती हो गई थी. इन दोनों परिवारों की मुलाकात अक्सर हुआ करती थी. इसलिए राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन भी बचपन में ही एक दूसरे के काफी अच्छे दोस्त बन गए थे. राजीव गांधी के कहने पर ही अमिताभ बच्चन ने राजनीति में अपने पहले कदम रखे थे पर फिर कुछ ऐसा हुआ जिससे इन दोनों के रिश्ते में दरार आ गई. 20 अगस्त को राजीव गांधी का जन्मदिन है. इसलिए आज हम आपको उस किस्से के बारे में बताएंगे.
साल 1984 लोकसभा चुनाव में अमिताभ बच्चन इलाहाबाद सीट से खड़े हुए और विजय भी प्राप्त की. जीत हासिल करने के बावजूद भी अमिताभ और राजीव गांधी की दोस्ती में दरार आ गई. बोफोर्स कांड में अमिताभ और उनके भाई अजिताभ का भी नाम सामने आया. इस वजह से राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन की दोस्ती पर गहरा असर पड़ा. महज तीन साल बाद ही अमिताभ ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया.
एक इंटरव्यू में अमिताभ बच्चन ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि, " गांधी परिवार ने भारत पर सदियों से राज किया है. राजा यह फैसला लेता है कि उसे किसके साथ दोस्ती रखनी है. वे राजा है, हम तो सिर्फ रंक है. रंक यह निर्णय नहीं ले सकता. हमारा प्रेम उनके साथ हमेशा रहेगा पर यह फैसला उन्हें लेना होगा कि वे दोस्ती रखना चाहते हैं कि नहीं."