Bihar Teacher Transfer: बिहार के 1.20 लाख शिक्षकों का होगा ट्रांसफर, 27 मई से शुरू होगी प्रक्रिया
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पटना: बिहार में पहली बार शिक्षा विभाग ने एक साथ 1 लाख 20 हजार 738 शिक्षकों का तबादला करने का फैसला लिया है. यह ऐतिहासिक कदम 27 मई 2025 से लागू होगा. खास बात यह है कि यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और कंप्यूटराइज्ड होगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और किसी भी प्रकार की धांधली की गुंजाइश न रहे. इस बार शिक्षा विभाग ने तय किया है कि अधिकतर शिक्षकों को उनके घर या नजदीकी क्षेत्र के स्कूलों में पोस्टिंग दी जाएगी. इसका उद्देश्य है कि शिक्षक आराम से आ-जा सकें, जिससे उनका मानसिक तनाव कम हो और वे छात्रों को बेहतर तरीके से पढ़ा सकें.

जानिए किसका ट्रांसफर होगा

इस ट्रांसफर प्रक्रिया में वे सभी शिक्षक शामिल होंगे जिन्हें पहले ही जिला आवंटन मिल चुका है. अब उनका स्कूल आवंटन किया जाएगा. इसके साथ ही सेम जिला यानी एक ही जिले में कार्यरत महिला एवं पुरुष शिक्षकों का भी तबादला किया जाएगा. इन शिक्षकों की संख्या इतनी अधिक है कि उनके लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर से स्कूलों का आवंटन किया जाएगा.

27 मई से पहला चरण शुरू, दूसरा चरण जून में

ट्रांसफर दो चरणों में होगा: पहला चरण 27 मई से शुरू होगा, जिसमें बड़ी संख्या में शिक्षकों का तबादला किया जाएगा. दूसरा चरण 10 से 15 जून के बीच, उन शिक्षकों का ट्रांसफर होगा जो पहले चरण में नहीं हो पाए, इसमें पटना सहित अन्य जिलों के शिक्षक भी शामिल होंगे

कैसे होगी पूरी प्रक्रिया? पॉइंट्स में समझें

  • कुल ट्रांसफर: 1,20,738 शिक्षक
  • प्रक्रिया की शुरुआत: 27 मई से
  • माध्यम: पूरी तरह ऑनलाइन और सॉफ्टवेयर आधारित
  • प्राथमिकता: घर के पास पोस्टिंग
  • सेम जिला शिक्षक: महिला और पुरुष दोनों शामिल
  • फेज 2: 10-15 जून को बचे शिक्षकों का ट्रांसफर

क्यों है यह फैसला खास?

  • लंबे समय से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हजारों शिक्षकों को राहत मिलेगी.
  • स्कूलों में शिक्षकों की समतुल्य और जरूरत के अनुसार तैनाती होगी.
  • शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार आएगा क्योंकि संतुष्ट शिक्षक बेहतर पढ़ा पाएंगे.
  • ट्रांसपेरेंसी के चलते राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं रहेगी.

बिहार सरकार का यह कदम केवल ट्रांसफर प्रक्रिया भर नहीं है, बल्कि यह शिक्षकों के जीवन को सहज बनाने और शिक्षा व्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा सुधार है. यदि यह योजना सफल रहती है, तो यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है.