मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप कांड: एक्शन में नीतीश सरकार, 6 अधिकारीयों को किया सस्पेंड
इस घटना से नीतीश कुमार के सुशासन के दावों की पोल खोल दी है. वहीं आरजेडी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जिसके कारण नीतीश कुमार की सरकार पर राजनीतिक दबाव बढ़ गया है
पटना. बिहार के मुजफ्फरपुर में एक शेल्टर होम में 34 बच्चियों के साथ रेप का मामला जैसे ही उजागर हुआ उसके बाद से ही आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग होने लगी. लोगों ने अपनी नाराजगी सड़को पर उतर के जाहिर की. वहीं इस घटना से नीतीश कुमार के सुशासन के दावों की पोल खोल दी है. वहीं आरजेडी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जिसके कारण नीतीश कुमार की सरकार पर राजनीतिक दबाव बढ़ गया है.
वहीं लगातार बढ़ते दबाव के बाद नीतीश कुमार की सरकार लापरवाही बरतनेवाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. सूबे की सरकार ने राज्य की बाल संरक्षण इकाई के छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. सामाजिक कल्याण विभाग ने इस आधार पर इन छह सहायक निदेशकों को निलंबित किया है क्योंकि उन्होंने आश्रय गृह में बच्चियों के साथ दुर्व्यवहार की सूचना मिलने के बावजूद कार्रवाई नहीं की. इस मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ भी शिकंजा कसना शुरू हो गया है. जिन अधिकारीयों पर गाज गिरी है वे मुजफ्फरपुर, मुंगेर, अररिया, मधुबनी, भागलपुर और भोजपुर जिलों के थे.
गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर के बालिका गृह रेपकांड में 34 बच्चियों से रेप किया गया था. मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बच्चियों से बलात्कार का मामला सामने आने के बाद राज्य कि सियासत में भूचाल आ गया. राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दे दिये हैं.
जिसके बाद सीबीआई ने इस बालिका गृह के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. बालिका गृह के अधिकारियों और कर्मचारियों पर बच्चियों का शारीरिक और मानसिक रूप से शोषण करने का आरोप है. इस घिनौने अपराध में मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर को बनाया गया है. इस मामले में 42 में से 34 बच्चियों से रेप की पुष्टि हो चुकी है.