पटना: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में पेश आम बजट को बिहार के विपक्षी दलों ने निराशाजनक बताया है.राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस बजट को निराशाजनक कहा है, जबकि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने इसे अमीरों और बिचौलियों का बजट करार दिया. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने इस बजट को दिशाहीन बताया है. रालोसपा के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने इसे अमीरों, बिचौलियों और कॉर्पोरेट घरानों का बजट बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "बजट-2020 अमीरों, बिचौलियों और कॉर्पोरेट घरानों के नाम है। सरकारी उपक्रमों को बेचने व निजीकरण से गरीबी, बेरोजगारी एवं भुखमरी में इजाफा ही होगा."
उन्होंने कहा कि इस बजट में गरीब बच्चों के लिए गुणवत्तापरक शिक्षा, ग्रामीण किसानों की स्थिति में सुधार और जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं की बात नदारद हैं. वहीं राजद नेता और बिहार के पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी बजट को निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि बजट में बिहार को कुछ खास नहीं मिला. सिद्दीकी ने कहा, "बिहार पिछड़ा राज्य है। बिहार को आगे लाने के लिए स्पेशल पैकेज और विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस बजट से बिहार आज जहां है, वहां से थोड़ा आगे बढ़ेगा, लेकिन जो राज्य आगे हैं वे और आगे बढ़ जाएंगे.बिहार को विकसित राज्यों की कतार में लाने के लिए विशेष सुविधा की जरूरत है और वह होना चाहिए. यह भी पढ़े: Budget 2020: पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बजट में बड़ा ऐलान, इन 5 ऐतिहासिक पुरातत्व स्थलों का होगा कायाकल्प
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के प्रमुख जीतन राम मांझी ने शनिवार को लोकसभा में पेश आम बजट को दिशाहीन और रूटीन बजट बताया। उन्होंने कहा कि बजट में न बेरोजगारी और महंगाई रोकने की कोई बात कही गई है और न ही सबको शिक्षा और समान शिक्षा का ही कोई प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार चाहे सुपरसोनिक जहाज या रेल चला ले, मगर इससे गरीबों का कुछ नहीं होने वाला.