Bihar Politics: ठाकुर का कुआं बना बवाल की वजह, मनोज झा की कविता पर बिहार में सियासी उबाल
Manoj Jha | PTI

नई दिल्ली: चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का... राज्यसभा सांसद मनोज झा (Manoj Jha) की इस  कविता से बिहार की राजनीति में नया उबाल आ गया है. दरअसल 21 सितंबर को राज्यसभा में आरजेडी के सांसद मनोज झा ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की यह कविता पढ़ी, इस कविता का नाम था ठाकुर का कुआं. मनोज झा के कविता पढ़ने के हफ्ते भर बाद अब इस पर विवाद छिड़ गया है. इस कविता को लेकर राष्ट्रीय जनता दल में आपसी कलह मचती दिख रही है. RJD विधायक ने ठाकुरों का अपमान बर्दाश्त नहीं करने की चेतावनी दी है. VIDEO: 'हिंदी हमारी भाषा है, इंग्लिश नहीं', अंग्रेजी लिखा देख भड़के CM नीतीश कुमार.

आरजेडी के ही ठाकुर नेता कह रहे हैं कि मनोज झा ब्राह्मण हैं और उन्होंने ठाकुरों का अपमान किया है. उनका कहना है कि मनोज झा जो खुद ब्राह्मण हैं, उन्होंने ठाकुरों की आलोचना वाली कविता पढ़ी. मनोज झा अब खुद अपनी ही पार्टी आरजेडी के नेताओं के निशाने पर हैं.

मनोज झा की कविता

पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे और राजद विधायक चेतन आनंद ने मनोज झा के खिलाफ मोर्चा खोला है. उन्होंने ठाकुर वाले बयान पर मनोज झा को घेरते हुए चेतावनी दी है. उन्होंने मनोज झा को घेरते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने लिखा है कि ठाकुरों के ऊपर टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करेंगे.

चेतन आनंद ने दी चेतावनी 

चेतन आनंद ने लिखा, 'हम"ठाकुर"हैं! सबको साथ लेकर चलते हैं! समाजवाद में किसी एक जाती को टार्गेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलापन के अलावा कुछ नही! जब हम दूसरों के बारे में गलत नही सुन सकते तो अपने (ठाकुरों) पर अभद्र टिप्पणी बिल्कुल नही बर्दाश्त करेंगे!"

BJP और JDU ने भी किया विरोध

मनोज झा अपनी कविता को लेकर बीजेपी और जेडीयू के निशाने पर भी आ गए हैं. बीजेपी विधायक नीरज कुमार बब्लू बोले कि अगर वह विधायक की जगह राज्यसभा सांसद होते और राज्यसभा में मौजूद होते तो वहीं मनोज झा का मुंह तोड़ देते. वहीं जेडीयू के MLC संजय सिंह कहा कि क्षत्रिय गर्दन कटवा भी सकता है और काट भी सकता है इसलिए सोच समझकर बयानबाजी की जाए.