Bihar Politics: विपक्षी दलों की एकता के प्रयास पर भाजपा की पैनी नजर
Nitish Kumar and Arvind Kejriwal | Photo: ANI

पटना, 14 अप्रैल: लोकसभा चुनाव को लेकर लगभग सभी दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री की कांग्रेस के अलावे कई अन्य दलों के नेताओं के साथ बैठक भी हो चुकी है. इधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नजर विपक्षी दलों की एकजुटता और छोटे दलों पर है. यह भी पढ़ें: Bihar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दिल्ली दौरे के बाद घर लौटे हुआ भव्य स्वागत

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में भाजपा पहले से ही तैयारी शुरू कर चुकी है, लेकिन नीतीश कुमार की सक्रियता के बाद भाजपा ने भी अपनी गति तीव्र कर दी है. जदयू के एक नेता का कहना है सभी विपक्षी दलों की राय एक है कि बिना एकजुट हुए भाजपा से मुकाबला करना आसान नहीं है. ऐसे में एकजुटता को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं.

वैसे, एक ओर जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता को लेकर दिल्ली में थे वहीं बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने दिल्ली पहुंच गए.

मांझी इसे भले ही माउंटनमैन दशरथ मांझी को भारत रत्न देने की मांग को लेकर मिलने की बात कह रहे हों, लेकिन इसके कई मायने निकाले जाने लगे हैं. इधर, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी गुरुवार की शाम लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान से मिलने उनके पटना स्थित आवास पहुंचे थे। इसे लेकर भी चर्चा का बाजार गर्म है.

माना जा रहा है कि भाजपा रणनीतिकारों का मानना है कि इसमें सबसे अहम भूमिका क्षेत्रीय दलों की होगी, जिनके साथ भाजपा भी संपर्क बनाए हुए है. भाजपा के एक नेता अभी भी मानते हैं कि नीतीश कुमार एकता को लेकर भले ही प्रयास कर रहे हों लेकिन यह आसान नहीं है. कई राज्यों की परिस्थितियां पूरी तरह भिन्न है.

लोजपा के चिराग पासवान तो साफ शब्दों में कहते हैं कि विपक्षी एकता का प्रयास पहले चुनावों में भी किया गया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ. उन्होंने आगे यह भी कहा कि नीतीश कुमार के लिए तो यह असंभव है। नीतीश कुमार अपने प्रधानमंत्री बनने के लिए यह प्रयास कर रहे हैं.