पटना: बिहार (Bihar) के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में भीषण गर्मी के बीच संदिग्ध एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) बच्चों के लिए काल बन गई है. मिली जानकारी के मुताबिक संदिग्ध एईएस (Acute Encephalitis Syndrome) की चपेट में आने से अब तक 14 बच्चो ने दम तोड़ दिया है. वहीं 38 इससे पीड़ित बताए जा रहे है जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.
मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अधीक्षक सुनील शाही ने बताया कि, “कुल 38 मरीज़ों को भर्ती किया गया था, जिनमें से 14 की मौत हो गई और बाकी बच्चों को अभी तेज बुखार है.” इसके कहर को देखते हुए जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. आपको बता दें कि पिछले हफ्ते संदिग्ध एईएस और जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) नामक बीमारी से 12 बच्चों की मौत हो गई. जबकि अभी भी 15 बच्चों का इलाज दो अस्पतालों में चल रहा है.
गौरतलब हो कि पिछले दो दशकों से यह बीमारी मुजफ्फरपुर सहित राज्य के कई इलाकों में होती है, जिसके कारण अब तक कई बच्चे असमय काल के गाल में समा चुके हैं. परंतु अब तक सरकार इस बीमारी से लड़ने के कारगर उपाय नहीं ढूढ़ पाई है. कई चिकित्सक इस बीमारी को 'एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम' बताते हैं.
Bihar: 14 children have died in Muzaffarpur reportedly due to Acute Encephalitis Syndrome (AES). Sunil Shahi, Superintendent SKMCH, Muzaffarpur, says, “Total 38 patients were admitted, of which there are 14 casualties. Some of the admitted patients still have high fever.” pic.twitter.com/AGtVsWo2Rk
— ANI (@ANI) June 8, 2019
इस बीमारी के शिकार आमतौर पर गरीब परिवारों के बच्चे होते हैं. 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं, और मृतकों में अधिकांश की आयु एक से सात वर्ष के बीच है. एईएस से ग्रसित बच्चों को पहले तेज बुखार और शरीर में ऐंठन होता है और फिर वे बेहोश हो जाते हैं.
पूर्व के वर्षो में दिल्ली के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के विशेषज्ञों की टीम तथा पुणे के नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की टीम भी यहां इस बीमारी का अध्ययन कर चुकी है.