बिहार: मुजफ्फरपुर में 'चमकी बुखार' निगल रही है मासूमों की जिंदगियां, अबतक 129 की मौत- सीएम की चुप्पी बरकरार
बिहार में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम की वजह से अब तक 160 से भी ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं करीब 650 से भी ज्यादा मरीज प्रभावित हुए हैं, जबकि मुजफ्फरपुर जिले में ही अब तक 580 बच्चे इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं. फिलहाल SKMCH और केजरीवाल अस्पताल में करीब 131 बच्चों का इलाज किया जा रहा है.
उत्तर बिहार (Bihar) के बच्चों पर दिमागी बुखार का कहर जारी है. एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम 'चमकी बुखार' से मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) के SKMCH अस्पताल 109 और केजरीवाल अस्पताल (Kejriwal hospital) में अब तक 20 बच्चों की मौत हो चुकी है. इसके साथ पूरे मुजफ्फरपुर में अब तक कुल 129 बच्चों की मौत हो चुकी है. राज्य में अभी भी बच्चे मर रहे हैं और इस बीमारी से प्रभावित होने वाले बच्चों के ताजा मामले भी सामने आ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने चमकी बुखार से हुई इतने सारे बच्चों की मौतों पर अभी तक अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है.
वहीं इस चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों को देखने गए जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को घुसने की इजाजत नहीं दिया गया. बता दें कि इस बीमारी के शिकार आमतौर पर गरीब परिवारों के बच्चे होते हैं. 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं, और मृतकों में अधिकांश की आयु एक से सात वर्ष के बीच है. एईएस से ग्रसित बच्चों को पहले तेज बुखार और शरीर में ऐंठन होता है और फिर वे बेहोश हो जाते हैं.
यह भी पढ़ें:- बिहार: चमकी बुखार पीड़ितों से मिलने पहुंचे कन्हैया कुमार, मुजफ्फरपुर के SKMCH अस्पताल का किया दौरा
गौरतलब है कि बिहार में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम की वजह से अब तक 160 से भी ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं करीब 650 से भी ज्यादा मरीज प्रभावित हुए हैं, जबकि मुजफ्फरपुर जिले में ही अब तक 580 बच्चे इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं. फिलहाल SKMCH और केजरीवाल अस्पताल में करीब 131 बच्चों का इलाज किया जा रहा है.