Bihar Diwas 2021: कोरोना महामारी के चलते पिछले साल बिहार दिवस फीका रहा. वहीं इस साल भी कोरोना के दूसरी लहर को फैलते देख बिहार दिवस फीका रहेगा. क्योंकि अब तक बिहार दिवस मनाये जाने के लिए सांस्कृतिक प्रोग्राम का जो आयोजन होते थे वे नहीं होंगे. लेकिन छोटे कार्य्रकम के आयोजन को लेकर सरकार और प्रशासन की तरफ से तैयारी पूरी कर ली गई है. इस साल 22 मार्च को बिहार दिवस के मौके पर पटना में सार्वजनिक तौर पर कोई कार्यक्रम नहीं होगा. सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) कल यानी सोमवार को सुबह 11 बजे सभी जिलों को वीडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करेंगे. इस साल 109वां बिहार दिवस मनाया जाएगा
अब तक बिहार दिवस को लेकर बिहार में कई दिनों से तैयारी चलती थी. लेकिन पिछली साल की तरह प्रशासन ने सभी सांस्कृतिक प्रोग्रामों पर रोक लगा दिए गए हैं. शिक्षा विभाग के निर्देश के मुताबिक बिहार दिवस के मौके पर हर जिला के समाहरणालय पर ही कार्यक्रम आयोजित होंगे. समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में अधिकारियों और गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया जाएगा. इसी स्थान पर कार्यक्रम से जुड़े बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स लगाए जाएंगे. यह भी पढ़े: Uttar Pradesh Foundation Day 2021: उत्तर प्रदेश दिवस कब और कैसे मनाया जाएगा? जानें यूपी का इतिहास और महत्व
जानें बिहार दिवस क्यों मनाया जाता हैं.
22 मार्च यानी कल ही के दिन साल 1912 में बिहार को बंगाल प्रेसिडेंसी (Bengal Presidency) से अलग कर राज्य बनाया गया था. इसलिए हर साल राज्य सरकार 22 मार्च को बिहार दिवस मनाती है. कोरोना काल में इस साल बिहार सरकार 109 वां बिहार दिवस सादगी से ही ठीक लेकिन मनाएगी. वहीं बिहार का आधुनिक इतिहास 1857 के प्रथम सिपाही विद्रोह में बिहार के बाबू कुंवर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 1912 में बंगाल का विभाजन के फलस्वरूप बिहार नाम का राज्य अस्तित्व में आया.
साल 1935 में उड़ीसा इससे अलग कर दिया गया. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बिहार के चंपारण के विद्रोह को, अंग्रेजों के खिलाफ बगावत फैलाने में अग्रगण्य घटनाओं में से एक गिना जाता है. स्वतंत्रता के बाद बिहार का एक और विभाजन हुआ और सन 2000 में झारखंड राज्य इससे अलग कर दिया गया. भारत छोड़ो आंदोलन में भी बिहार की गहन भूमिका रही.