पटना, 13 मार्च : बिहार (Bihar) में शराबबंदी कानून (Prohibition law) को लेकर सियासत जारी है. बिहार विधानसभा में भी शनिवार को राज्य में अवैध शराब बिक्री के मुद्दे पर राजद सहित विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया. विपक्ष राज्य के मंत्री रामसूरत राय (Ram Sundar Rai) के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा किया. इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने राजभवन मार्च किया और राज्यपाल से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सदन में विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा है. सदन पर सत्ता पक्ष का कब्जा हो गया है. विधानसभा की कार्यवाही शनिवार को प्रारंभ होने के पहले ही मंत्री रामसूरत राय के इस्तीफे की मांग को लेकर राजद के सदस्यों ने विधानमंडल परिसर में प्रदर्शन किया. सदन की कार्यवाही जब प्रारंभ हुई तब विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे. विपक्ष लगातार मंत्री राय के इस्तीफे की मांग पर अड़ा रहा.
विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है. उन्होंने कहा कि मंत्री के खिलाफ सभी साक्ष्य है. शराब मामले में गरीबों को गिरफ्तार किया जा रहा है. शून्यकाल के दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्षी विधायक वेल में आ गए. सदन में तेजस्वी और उप मुख्यमंत्री तारकिशोर एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए. इसके बाद अध्यक्ष ने दो बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सभी सदस्यों को शांत कराते रहे, लेकिन विपक्ष हंगामा करता रहा. इसके बाद राजद के विधायक नेता विपक्ष को बोलने का पर्याप्त अवसर नहीं देने पर नाराजगी जताते हुए अध्यक्ष कक्ष के बाहर धरने पर बैठे. यह भी पढ़ें : दुबई से गोवा आए शख्स के पास से मिला 2.1 किलो सोना
इसके बाद तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्षी सदस्य पैदल ही राजभवन मार्च किया. तेजस्वी यादव ने कहा कि सदन जब बहरी हो जाए तो सड़क पर उतरना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार तानाशाह हो गई है. सरकार सदन में हमें हमारे विचार रखने नहीं दे रही है. उन्होंने आगे कहा कि बिहार की विधानसभा जदयू और भाजपा का कब्जा हो गया है. विपक्षी सदस्यों ने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा, ज्ञापन में कहा गया है कि विपक्ष के लोक महत्व के किसी बातों को नहीं सुनाा जाता है, न ही सदन के सामने रखे जाने का अवसर दिया जाता है. इधर, मंत्री जीवेश मिश्रा ने मंत्री रामसूरत राय का बचाव करते हुए कहा कि मंत्री रामसूरत राय का उस स्कूल से कोई लेना-देना नहीं है, जहां से शराब की बरामदगी हुई है. मंत्री का 2012 में अपने भाई से रजिस्टर्ड बंटवारा हो चुका है.