बिहार: मुजफ्फरपुर के बाद गया में चमकी बुखार का प्रकोप, एक हफ्ते के अंदर 22 नए केस- 6 बच्चों की मौत
बिहार में चमकी बुखार से मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है. मुजफ्फरपुर के बाद गया में अब चमकी बुखार का प्रकोप दिख रहा है. यहां अब तक 6 बच्चों की मौत हो गई है. मौत का यह आंकड़ा 2 जुलाई से अब तक का है.
बिहार (Bihar) में चमकी बुखार से मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है. मुजफ्फरपुर के बाद गया (Gaya) में अब चमकी बुखार का प्रकोप दिख रहा है. यहां अब तक 6 बच्चों की मौत हो गई है. मौत का यह आंकड़ा 2 जुलाई से अब तक का है. अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वीके प्रसाद ने कहा कि 2 जुलाई के बाद से अब तक 22 मरीजों को भर्ती किया गया है, जिसमें 6 बच्चों की मौत हुई है. चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वीके प्रसाद का कहना है कि यह एईएस का मामला हो सकता है लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी है. रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
चिकित्सा अधीक्षक ने कहा 'यह चमकी बुखार (एक्यूट एनसेफिलाइटिस सिंड्रोम) का मामला हो सकता है, लेकिन अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है. रिपोर्ट आने के बाद ही इसका पता लगाया जाएगा कि बच्चों की मौत किस कारण से हुई है. फिलहाल मरीजों का इलाज चल रहा है.
बिहार राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, प्रदेश के 40 जिलों में से करीब 20 जिलों में इस बार एईएस से करीब 600 बच्चे प्रभावित हुए जिनमें से करीब 140 की मौत हो गई. मुजफ्फरपुर इस बीमारी से सबसे बुरी तरह प्रभावित रहा. ऑफिशियल डेटा के मुताबिक श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में 121 मौतें हुई हैं. जो जिले में सबसे अधिक मरीज यहीं भर्ती हुए हैं. जबकि केजरीवाल अस्पताल में 21 मौतों की पुष्टि की गई है.
गौरतलब है कि 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं और मरने वाले बच्चों में से अधिकांश की उम्र एक से सात साल के बीच है. इस बीमारी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा था चमकी बुखार से मौत दुर्भाग्यपूर्ण और देश के लिए शर्म की बात है. सुप्रीम कोर्ट ने 24 जून को इस बीमारी से मृतकों की बढ़ती संख्या पर दुख व्यक्त करते कहा था, 'यह बहुत चिंता का विषय है.' बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों के परिवारों 4-4 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है.