नई दिल्ली, 19 मार्च : देश में हर घर को शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराने की दिशा में मोदी सरकार ने एक बड़ी पहल की है. मोदी सरकार के जलशक्ति मंत्रालय (Ministry of Water Power) ने देश भर में दो हजार ऐसी प्रयोगशालाएं खोलीं हैं, जहां आम आदमी मामूली रेट पर अपने घर के पानी की जांच करा सकता है कि वह पीने योग्य है या नहीं. प्रदूषित पानी (Polluted water) होने की स्थिति में उसमें सुधार लाया जाएगा. ताकि कोई व्यक्ति शुद्ध पेयजल के अधिकार से वंचित न रहे. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि वर्ष 2024 तक देश के हर घर को पीने के लिए शुद्ध पानी मिले. इसी सिलसिले में यह पहल हुई है. प्रयोगशालाओं में पीएच वैल्यू, क्लोराइड, आयरन, फ्लूराइड, आर्सेनिक, नित्रेत, हार्डनेस सहित 13 पैरामीटर्स पर पानी की जांच होगी. डेढ़ सौ से छह सौ रुपये में पानी की जांच होगी. जबकि प्राइवेट लैबोरेटरीज में इससे कई गुना ज्यादा कीमत ली जाती है.
मंत्रालय के मुताबिक, घरों से सैंपल एकत्र करने के बाद पानी का 13 पैरामीटर्स के आधार पर विश्लेषण होगा. इसके बाद ऑनलाइन रिपोर्ट तैयार होगी. इस ऑनलाइन रिपोर्ट की एक प्रति संबंधित हेल्थ इंजीनियर को जाएगी और दूसरी प्रति उस व्यक्ति को भेजी जाएगी, जिसके घर का पानी जांच के लिए लिया गया होगा. हेल्थ इंजीनियर की जिम्मेदारी होगी कि वह पानी की खराबी को दूर करें. जलशक्ति मंत्रालय की वेबसाइट पर टेस्टिंग सेंटर्स और पानी की जांच से जुड़ी जानकारी हासिल की जा सकती है. यह भी पढ़ें : दिल्ली के ढाबे में थूक लगाकर रोटी बनाने का वीडियो वायरल, दो गिरफ्तार
राज्य, जिला और ब्लाक मुख्यालयों पर ये प्रयोगशालाएं खुली हैं. जल जीवन मिशन के तहत राज्यों से उन बस्तियों में नल से पानी की आपूर्ति को प्राथमिकता देने की अपील की गई है, जहां पीने के पानी के प्रदूषित होने की समस्या ज्यादा है. अब तक चिह्न्ति 27,544 आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों में से, राज्यों ने 26,492 बस्तियों में पीने योग्य पानी की आपूर्ति के प्रावधान किए हैं.