Bharti Airtel ने TCS को पछाड़ा, बनी देश की तीसरी सबसे बड़ी मूल्यवान कंपनी
Bharti Airtel Has Overtaken Tata Consultancy Services To Become India’s Third-Largest Listed Company.

भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को पछाड़ते हुए भारत की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है. सोमवार 21 जुलाई 2025 को एयरटेल के शेयरों में 1% की बढ़त देखने को मिली, जिसके चलते कंपनी का बाजार पूंजीकरण (Market Capitalisation) बढ़कर 11.45 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. यह आंकड़ा टीसीएस से 2,220 करोड़ रुपये अधिक है.

वर्तमान में भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) है, जिसका बाजार मूल्यांकन 19.3 लाख करोड़ रुपये है. इसके बाद दूसरे स्थान पर एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) है, जिसकी मार्केट वैल्यू 15.3 लाख करोड़ रुपये है. ऐसे में अब एयरटेल तीसरे पायदान पर पहुंच चुकी है, जो देश की टॉप-3 कंपनियों में शामिल हो गई है.

2025 में 2 लाख करोड़ रुपये की जबरदस्त बढ़त

अगर हम एयरटेल के पार्टली पेड-अप (Partly Paid Up) शेयरों को भी शामिल करें, तो कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण बढ़कर 11.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. साल 2025 की शुरुआत से अब तक एयरटेल ने करीब 2 लाख करोड़ रुपये की बढ़त दर्ज की है, जो निफ्टी50 (Nifty50) की सभी कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद सबसे ज्यादा है.

वहीं दूसरी तरफ, टीसीएस को 3.4 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान झेलना पड़ा है. इसका कारण अमेरिका की कमजोर अर्थव्यवस्था और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ी चुनौतियां हैं, जिससे आईटी सेक्टर (IT Sector) पर दबाव बना हुआ है. विशेषज्ञों का मानना है, कि आने वाले महीनों में बड़ी आईटी कंपनियों की आमदनी पर असर पड़ सकता है, जबकि मझोली आईटी कंपनियां बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं.

टीसीएस पिछड़ रही, एयरटेल आगे बढ़ रही है

हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब एयरटेल ने टीसीएस को पीछे छोड़ा है. इससे पहले अक्टूबर 2009 में ऐसा हुआ था. लेकिन यह पहली बार है, जब एयरटेल भारत की तीसरी सबसे मूल्यवान कंपनी बनी है. खास बात यह है, कि तीन साल पहले एयरटेल 10वें स्थान पर थी.

विशेषज्ञों की नजर में एयरटेल अब मजबूत निवेश विकल्प

अब बाजार के जानकार भारती एयरटेल को लेकर आशावादी हो गए हैं. उनका कहना है, कि अब टेलीकॉम सेक्टर (Telecom Sector) में प्रतिस्पर्धा कम हो रही है, और एयरटेल का पूंजी खर्च भी पहले की तुलना में घट गया है, जिससे कंपनी की मुनाफाखोरी बेहतर हो सकती है.

विशेषज्ञ मानते हैं, कि एयरटेल भारत की खपत आधारित (Consumption-Driven) अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा बनती जा रही है. उन्हें उम्मीद है, कि कंपनी की आय में मध्यम स्तर (Mid-Teen) की बढ़त होगी और भविष्य में इसके वैल्यूएशन में और सुधार भी हो सकता है.

मार्च 2025 तक एयरटेल के कुल 609.44 करोड़ शेयर थे, जिनमें से 39.23 करोड़ शेयर पार्टली पेड-अप थे. जनवरी 2025 से अब तक एयरटेल के शेयरों में 20.2% की बढ़त हुई है, जबकि टीसीएस के शेयरों में 22% की गिरावट दर्ज की गई है. इसी दौरान, देश का प्रमुख सूचकांक निफ्टी50 केवल 6% ही बढ़ पाया है, जिससे साफ है, कि एयरटेल ने बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया है.