नई दिल्ली: देश भर के लगभग 250 किसान संगठनों ने 25 सितंबर को राज्य सभा द्वारा पारित किए गए फार्म बिलों (Farm Bills) के खिलाफ देशव्यापी बंद (Nationwide Shutdown) की घोषणा की. किसान संगठन जो विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं, उनमें भारतीय किसान संघ (BKU), अखिल भारतीय किसान संघ (AIFU), अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC), अखिल भारतीय किसान महासंघ (AIKM) शामिल हैं. फार्म बिलों के पारित होने से देश भर के किसानों में विरोध शुरू हो गया है.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (All India Kisan Sangharsh Coordination Committee) के संयोजक वी एम सिंह (V M Singh) जो मध्य यूपी से हैं, उन्होंने कहा "एमएसपी की गारंटी नहीं होने पर राष्ट्रव्यापी अशांति होगी. उन्होंने कहा ये तीन बिल लाकर सरकार गरीबों की खाद्य सुरक्षा बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कॉरपोरेट्स को सौंप रही है. हम यह नहीं होने देंगे और अब 25 सितंबर को भारत बंद करने के साथ किसानों की आवाज को और बुलंद करेंगे. उन्होंने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से बिल को स्वीकृति नहीं देने की भी अपील की. यह भी पढ़ें | Farm Bills: कृषि बिल के खिलाफ आर-पार की लड़ाई, पंजाब के फिरोजपुर में किसान मजदूर संघर्ष समिति का रेल रोको आंदोलन जारी.
किसानों की मांग:
देश भर के किसानों की मांग है कि सरकार को इस बिल को रद्द करना चाहिए. प्रदर्शनकारी संगठनों ने सरकार पर किसानों की हिस्सेदारी पर कॉर्पोरेट को खुश करने का आरोप लगाया. किसानों का कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कम किया जाएगा. हालांकि, सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया कि एमएसपी पहले की तरह ही बना रहेगा. पंजाब और हरियाणा में बंद का बड़े पैमाने पर असर होगा क्योंकि दोनों राज्य गेहूं और चावल की फसलों के सबसे बड़े उत्पादक हैं.
फार्म विधेयकों के बारे में:
राज्यसभा ने रविवार को भारी विरोध के बीच तीन विवादास्पद फार्म बिलों में से दो को मंजूरी दे दी. किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 किसानों और व्यापारियों को अपनी पसंद की बिक्री और खरीद की स्वतंत्रता देने का प्रयास करता है. यह स्थानीय बाजारों के बाहर किसानों की उपज की इंटर स्टेट और इंट्रा स्टेट बिक्री को भी बढ़ावा देता है. इस विधेयक के तहत किसानों की उपज का इलेक्ट्रॉनिक व्यापार को भी अनुमति दे गई है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा, किसान को उत्पाद सीधे बेचने की आजादी होगी और एमएसपी जारी रहेगी. टैक्स न लगने से किसान को ज्यादा दाम और लोगों को भी कम कीमत पर वस्तुएं मिलेगी. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, निजी निवेश से होने से तेज विकास होगा तथा रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, कृषि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होने से देश की आर्थिक स्थिति और सुदृढ़ होगी.