नई दिल्ली: केंद्र के नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज भारत बंद (Bharat Bandh) बुलाया है. किसान संगठन पिछले 13 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे. किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत का अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है. किसानों के भारत बंद को देखते हुए अलग-अलग राज्यों में सुरक्षा बढ़ाई गई है. सिंघु बॉर्डर (Haryana-Delhi border) पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है. न्यूज एजेंसी ANI ने इसकी तस्वीरें जारी की हैं. सिंघु बॉर्डर पर बंद को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात है.
भारत बंद को देखते हुए बिहार (Bihar) में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. साथ ही देश के अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दल सड़कों पर उतरे हैं. किसान संगठनों ने 'भारत बंद' में सभी लोगों से शामिल होने की अपील की है. 'भारत बंद' के दौरान सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक कई मुख्य सड़कें और नेशनल हाइवे बंद रहेंगे. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि दिल्ली के एंट्री प्वाइंट्स पर वाहनों की आवाजाही कैसी है. Bharat Bandh Today: किसानों का भारत बंद आज, कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन, महाराष्ट्र और ओडिशा में रोकी गई ट्रेन.
सिंघु बॉर्डर पर पुलिस फोर्स:
Heavy deployment of security at Singhu border (Haryana-Delhi border). The farmers' protest at the border entered 13th day today.
Farmer Unions have called #BharatBandh today, against the Central Government's #FarmLaws pic.twitter.com/8KA6gam3oJ
— ANI (@ANI) December 8, 2020
पटना में कड़ी सुरक्षा:
Bihar: Security personnel deployed in Patna, in the wake of #BharatBandh called by farmer unions, against Central Government's #FarmLaws. pic.twitter.com/s33iwLRy6f
— ANI (@ANI) December 8, 2020
दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने बताया, टिकरी, झारोदा और धनसा बॉर्डर किसी भी ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद हैं. बदुसराय और झटीकरा बॉर्डर केवल दो पहिया वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए खुले हैं. दौराला, कापसहेड़ा, राजोखरी NH 8, बिजवासन / बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं.
किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच छठे दौर की बातचीत बुधवार 9 दिसंबर को होगी. अभी तक पांच दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी. इसके बाद केंद्र ने 9 दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है. सरकार बीच का रास्ता निकालने की कोशिश मे है, वहीं किसान नेता तीनों कृषि कानूनों की वापसी चाहते हैं.