चंडीगढ़, 26 मार्च : पार्टी और ट्रेड यूनियनों से ऊपर उठकर शुक्रवार को किसानों द्वारा किए जा रहे 12 घंटे लंबे राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन को पंजाब और हरियाणा (Punjab and Haryana) में अच्छी खासी प्रतिक्रिया मिली है. यहां सामान्य जन-जीवन प्रभावित रहा. वहीं चंडीगढ़ में स्थिति लगभग सामान्य रही. किसानों, खेत के मजदूरों, कमीशन एजेंटों, ट्रेड यूनियनों और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा रेल की पटरियों पर जमा होने और राष्ट्रीय राजमार्गों पर चक्काजाम करने से यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है. वैसे इस दौरान दोनों राज्यों में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है. इसके अलावा विरोध और चक्काजाम (Traffic jam) के चलते आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को प्रभावित नहीं होने दिया गया.
विरोध के दौरान कई किसान संघों के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस शासित पंजाब में कई जगहों पर दुकानदारों-व्यापारियों से अपना काम बंद करने को कहा. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि विरोध को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दोनों राज्यों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है. भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्रहण) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा कि किसान रेल और सड़क आंदोलन को पूरी तरह से रोकेंगे. साथ ही टैक्सी और अन्य वाहनों को भी अनुमति नहीं दी जाएगी. ट्रक यूनियन ने भी किसानों को अपना समर्थन दिया है. यह भी पढ़ें : Bharat Bandh Today: किसानों का देशव्यापी भारत बंद शुरू, सड़क-रेल जाम करने का ऐलान, इन सेवाओं पर रहेगा असर
वहीं किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने भी अपने सभी कार्यालय बंद करने की घोषणा की है. समिति अमृतसर के स्वर्ण मंदिर समेत पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के सभी गुरुद्वारों के मामलों का प्रबंधन करती है. एसजीपीसी अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने कहा कि केंद्र को कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहिए.