कोलकाता, 14 दिसंबर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में स्कूल में नौकरी के मामलेे में कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ को एक कॉर्पोरेट इकाई के बारे में एक रिपोर्ट सौंपी, जिसका नाम केंद्रीय एजेंसी द्वारा नकदी मामले की जांच के दौरान सामने आया था. न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की पीठ में सीलबंद लिफाफे में दाखिल की गई रिपोर्ट में कंपनी के वर्तमान और पूर्व निदेशकों की संपत्ति और संपत्तियों का विवरण भी है.
ईडी अधिकारियों से रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद, न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा कि वह रिपोर्ट का पूरी तरह से अध्ययन करने के बाद ही उस पर अपनी टिप्पणी देंगी. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), जो स्कूल नौकरी मामले में समानांतर जांच कर रहा है, को भी इस सप्ताह कलकत्ता उच्च न्यायालय में जांच पर अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है. 12 दिसंबर को, न्यायमूर्ति सिन्हा ने ईडी को उक्त कॉर्पोरेट इकाई के साथ-साथ उसके वर्तमान और पूर्व निदेशकों के बारे में अपनी रिपोर्ट में विशिष्ट विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. उन्होंने विशेष रूप से उक्त कॉर्पोरेट इकाई के निदेशकों की संपत्तियों के निर्माण के लिए धन के स्रोतों के बारे में ईडी निष्कर्ष प्रस्तुत करने पर जोर दिया. यह भी पढ़ें : झारखंड का बोकारो विकास के क्षेत्र में आदर्श जिला बन सकता है: अधिकारी
उनकी पीठ से मांगे गए अन्य विवरणों में उक्त कॉर्पोरेट इकाई के व्यवसाय की प्रकृति, उनके ग्राहकों की सूची, उक्त कॉर्पोरेट इकाई के निदेशकों और कर्मचारियों के बैंक खाते का विवरण और पंजीकृत कार्यालय के पते में बदलाव से संबंधित विवरण शामिल हैं. मामले में अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होनी है, तब तक सीबीआई की ओर से प्रगति रिपोर्ट भी फाइनल हो जाएगी.
ईडी के अधिकारी पहले से ही अपनी जांच के दौरान समय के विपरीत चल रहे हैं, क्योंकि कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति उदय कुमार की खंडपीठ ने केंद्रीय एजेंसी को 21 दिसंबर तक मामले में अपनी जांच प्रक्रिया को समाप्त करने का निर्देश दिया है. दरअसल, 12 दिसंबर को जस्टिस सिन्हा ने ईडी के वकील से यह भी सवाल किया था कि क्या जांच अधिकारी अदालत के निर्देशानुसार जांच प्रक्रिया को समाप्त करने के लिए आश्वस्त हैं, ईडी के वकील ने कहा कि समय सीमा को पूरा करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. ईडी के वकील ने जवाब दिया कि वे तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं क्योंकि जांच के दौरान रोजाना नए सबूत सामने आ रहे हैं.