बेंगलुरु: भारत में कोरोना वायरस प्रकोप (Coronavirus Outbreak) के चलते लॉकडाउन (Lockdown) का दूसरा चरण जारी है. इस घातक वायरस (Deadly Virus) के बढ़ते प्रकोप के चलते तमाम धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थलों पर लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगाई गई है. लॉकडाउन के दौरान तमाम देशवासियों से धार्मिक उत्सवों को घरों में रहकर मनाने की अपील की गई है. एक ओर जहां मुस्लिम समुदाय का पाक माह रमजान (Ramzan) चल रहा है तो वहीं आज (26 अप्रैल) को अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) और बसव जयंती (Basava Jayanti) मनाई जा रही है, लेकिन कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में रहकर ही अपने त्योहार मना रहे हैं.
दरअसल बसव जयंती का पर्व कर्नाटक में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन लॉकडाउन के चलते इसे सादगी से मनाया जा रहा है. आज बसव जयंती और इस खास अवसर पर कोरोना लॉकडाउन के नियमों को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री (Karnataka Chief Minister) बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) ने बेंगलुरु (Bengaluru) में खास कार्यक्रम का आयोजन किया. बेंगलुरु में आयोजित बसव जयंती समारोह में सीएम येदियुरप्पा समेत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार, राज्य के गृहमंत्री बसवराज बोम्बई और उप मुख्यमंत्री गोविंद एम करजोल उपस्थित रहे. इस दौरान येदियुरप्पा सहित सभी नेता अपने चेहरे पर मास्क लगाए नजर आए.
बसव जयंती मनाते सीएम येदियुरप्पा
Karnataka Chief Minister BS Yediyurappa celebrated Basava Jayanthi in Bengaluru today. State Congress president DK Shivakumar, State Home Minister Basavaraj Bommai and Deputy Chief Minister Govind M Karajol were also present. pic.twitter.com/6kfFPoA0mr
— ANI (@ANI) April 26, 2020
बसव जयंती वीरशैव लिंगायत हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है. लिंगायत मत के प्रसारक बसव की जयंती कर्नाटक में धूमधाम से मनाई जाती है. भगवान जगतज्योति महात्मा बसवेश्वर को सत्य, अहिंसा, जातिवाद का विनाश, आध्यात्मिकता के मूल्यों को बढ़ावा देने वाले समाज सुधारक के तौर पर जाना जाता है. महात्मा बसवेश्वर को विश्वगुरु, भक्ति भंडारी और बसव के नाम से भी बुलाया जाता है. वे सदा लिंग, जाति-धर्म, सामाजिक स्थिति की परवाह किए बैगर लोगों को एक समान अवसर देने की वकालत किया करते थे. यह भी पढ़ें: Akshaya Tritiya 2020: अक्षय तृतीया पर प्रयागराज के संगम में लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी, लॉकडाउन के चलते दिखे काफी कम श्रद्धालु
महात्मा बसवेश्वर का जन्म 1134 ईसवी में कर्नाटक स्थित बीजापुर जिले के भागेवाड़ी में हुआ था. उनका मानना था कि भगवान निराकार हैं. महात्मा बसवेश्वर द्वारा स्थापित लिंगायत समाज को कर्नाटक की अगड़ी जातियों में गिना जाता है. कर्नाटक के अलावा महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी लिंगायतों की अच्छी खासी आबादी है.