कोलकाता, सात जुलाई: पश्चिम बंगाल प्रमुख में भाजपा के प्रमुख आदिवासी नेता जॉन बारला तथा पार्टी के सबसे मुखर नेताओं में शामिल निसिथ प्रामाणिक को बुधवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. जॉन बारला: उत्तरी बंगाल में भाजपा की पैठ बनाने वाले प्रमुख नेताओं में शुमार आदिवासी नेता जॉन बारला को आज शाम मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. हाल में उन्होंने उत्तर बंगाल को अलग कर केन्द्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की थी. Modi Cabinet Expansion 2021: पीएम नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में इन नेताओं को मिला यह मंत्रालय, पढ़ें सब एक नजर में.
लगभग दो दशक पहले तराई-दूआर्स क्षेत्र में चाय-बागान कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले 45 वर्षीय बारला ने एक आदिवासी नेता होने से नयी दिल्ली में सत्ता के गलियारों तक पहुंचने के लिये एक लंबा सफर तय किया है.
आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखने वाले बारला का क्षेत्र के चाय बागान श्रमिकों के बीच मजबूत समर्थन आधार है. उनके संगठनात्मक कौशल ने सबसे पहले माकपा के स्थानीय नेतृत्व का ध्यान आकर्षित किया. हालांकि वह किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े लेकिन उन्होंने और उनके समर्थकों ने कई मौकों पर तत्कालीन सत्तारूढ़ वाम मोर्चा को अपना समर्थन दिया था.
उन्होंने 2007 में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद (एबीएवीपी) के सदस्य के रूप में सक्रिय राजनीतिक में अपना करियर शुरू किया. कुछ समय के लिए, उन्होंने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) का हिस्सा बनने का विचार किया, जो उस समय अलग गोरखालैंड राज्य के लिये संघर्ष कर रहा था.
उस अवधि के दौरान, उन्होंने सबसे पहले तराई और दूआर्स क्षेत्र में आदिवासी और अन्य पिछड़े समुदायों के लिए एक अलग राज्य की मांग रखी. हालांकि, जैसे ही बंगाल में बदलाव की हवा चली, बारला ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी का समर्थन करने का फैसला किया. लेकिन बाद में, 2019 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले, उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया, जिससे उत्तर बंगाल क्षेत्र में भगवा पार्टी को बहुत अधिक लाभ हुआ.
निसिथ प्रामाणिक: उत्तर बंगाल में काफी प्रभावी माने जाने वाले कूचबिहार से भाजपा सांसद निसिथ प्रामाणिक सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर हमलावर रुख अपनाने वाले भाजपा के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक हैं.
साल 2019 में पहली बार सांसद बने प्रामाणिक को भाजपा ने कई मौकों पर काफी महत्व दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद कथित हिंसा को लेकर टीएमसी के खिलाफ भाजपा के मोर्चे की अगुवाई करना शामिल है.
साल 2018 के पंचायत चुनावों में उम्मीदवारों के चयन को लेकर प्रामाणिक और टीएमसी नेतृत्व के बीच ठन गई थी, जिसके बाद, साल 2019 के लोकसभा चुनाव से कुछ पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया. भाजपा के टिकट पर उन्होंने कूचबिहार से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. प्रामाणिक को कूचबिहार जिले में कद्दावर व्यक्ति के रूप में जाना जाता है.
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