बैंक घोटाला मामला: रतुल पुरी को कोर्ट से राहत नहीं, 17 सितंबर तक न्यायिक हिरासत बढ़ी
दिल्ली की एक अदालत ने बैंक कर्ज धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन के एक मामले में मंगलवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे एवं कारोबारी रतुल पुरी को 17 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने बैंक कर्ज धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन के एक मामले में मंगलवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे एवं कारोबारी रतुल पुरी को 17 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. बैंक कर्ज धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन मामले की प्रवर्तन निदेशालय (ED) जांच कर रहा है. विशेष न्यायाधीश संजय गर्ग ने पुरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।ईडी ने 20 अगस्त को पुरी को बैंक कर्ज धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था।अदालत ने शुक्रवार को पुरी की हिरासत अवधि चार दिन के लिए बढ़ा दी थी. पुरी की हिरासत अवधि बढ़ाये जाने की मांग करते हुए एजेंसी ने अदालत को बताया था, ‘‘ जांच के दौरान दस्तावेजों का एक बड़ा रिकॉर्ड इकट्ठा किया गया है और समय की कमी के कारण इनके सिलसिले में अभी पूछताछ नहीं हो सकी है.’’
अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक और मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें कहा गया कि मामले की ‘‘प्रभावी जांच के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ आवश्यक है’’।पुरी को बैंक कर्ज धोखाधड़ी मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने इस सिलसिले में उनके और अन्य लोगों के खिलाफ एक नया आपराधिक मामला दर्ज किया था जिसमें सीबीआई की प्राथमिकी का संज्ञान लिया गया था. पीएमएलए के तहत नवीनतम मामला 17 अगस्त की सीबीआई प्राथमिकी से निकला जो सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दायर 354 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले के संबंध में दर्ज किया गया था। इसमें रतुल पुरी, उनके पिता दीपक पुरी, मां नीता (कमलनाथ की बहन) और अन्य को नामजद किया गया था. यह भी पढ़े: बैंक घोटाला मामला: रतुल पुरी को कोर्ट से राहत नहीं, 17 सितंबर तक न्यायिक हिरासत बढ़ी
इस प्राथमिकी के बाद सीबीआई ने कई जगहों पर छापे मारे थे।सीबीआई ने पुरी परिवार, संजय जैन और विनीत शर्मा जैसे अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया था. रतुल पुरी अभी तीन प्रमुख केंद्रीय जांच एजेंसियों- ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग की आपराधिक जांच के घेरे में हैं.