COVID-19: फर्जी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट तैयार करने के लिए गिरफ्तार पैथोलॉजी लैब के कर्मचारी को जमानत

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को एक व्यक्ति को जमानत दे दी जो महानगर के एक पैथोलॉजी लैबोरेटरी में काम करता था और उस पर फर्जी आरटी-पीसीआर कोविड-19 रिपोर्ट बनाकर लोगों से ठगी करने का आरोप था.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

नयी दिल्ली, 22 जून : दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को एक व्यक्ति को जमानत दे दी जो महानगर के एक पैथोलॉजी लैबोरेटरी (Pathology Laboratory) में काम करता था और उस पर फर्जी आरटी-पीसीआर कोविड-19 (COVID-19) रिपोर्ट बनाकर लोगों से ठगी करने का आरोप था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र बेदी ने सुनील कुमार को 25 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के एक अन्य मुचलका भरने के बाद जमानत दे दी.

अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी की छवि बेदाग रही है. जुटाए गए साक्ष्य की प्रकृति मुख्यत: दस्तावेजी है. इन स्थितियों में मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी किए बगैर यह उचित होगा कि आरोपी को जमानत दे दी जाए.’’ यह भी पढ़ें : Uttarakhand: नशे में धुत पुलिसकर्मी ने महिला के साथ दुर्व्यवहार किया, निलंबित

एक व्यक्ति की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था, जिसके घर से 1500- 1500 रुपये के छह कोविड-19 नमूने इकट्ठे किए गए थे. संदेह पर उसने लैब के अधिकारियों से संपर्क किया जिन्होंने सूचित किया कि रिपोर्ट उनके कम्प्यूटर से नहीं बना है और फर्जी है.

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