नई दिल्ली, 12 सितंबर : केंद्र की मोदी सरकार ने 70 साल से ऊपर के सभी बुजुर्गों को 'आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' का लाभ देने का ऐलान किया है. इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की बैठक के बाद दी. मोदी सरकार की 'आयुष्मान योजना' का लाभ कई लोगों को मिल रहा है. वहीं, मोदी सरकार के इस फैसले पर दिल्ली से सटे नोएडा के बुजुर्गों ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत की. उन्होंने फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए बताया कि पीएम मोदी देश के बुजुर्गों के बारे अच्छा सोचते हैं, इस योजना से बुजुर्ग भी मुफ्त इलाज करा पाएंगे.
नोएडा के एक बुजुर्ग ने सराहना करते हुए कहा कि मोदी सरकार का यह फैसला काफी अच्छा है और जिनके पास पैसा नहीं होता है, अब वो मुफ्त में इलाज करवा पाएंगे, उनके लिए यह बेहतरीन कदम है. आशा देवी ने आईएएनएस से कहा कि बुजुर्गों के लिए पीएम मोदी की सोच बहुत अच्छी है. इस फैसले के बाद अब 70 वर्ष से ऊपर की उम्र के सभी बुजुर्गों को मुफ्त इलाज मिल पाएगा. लखू देवी ने कहा कि मोदी सरकार ने अच्छा कदम उठाया है. जबसे पीएम मोदी सत्ता में आए हैं, वो सभी के लिए अच्छा काम कर रहे हैं. अशोक कुमार शर्मा ने मोदी कैबिनेट के फैसले की प्रशंसा करते हुए बताया कि पीएम मोदी ने जनता के हित में बहुत अच्छा फैसला लिया है. यह भी पढ़ें : हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में आईएमडी ने दी अचानक बाढ़ आने की चेतावनी
बता दें कि केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना के लिए आयु सीमा को खत्म कर दिया है और 70 प्लस के हर बुजुर्गों को आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख तक की स्वास्थ्य सुविधा देने का फैसला किया है. मतलब, 70 साल और उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिक, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो, इस योजना का लाभ उठाने के पात्र होंगे. इस सुविधा के विस्तार का उद्देश्य लगभग ऐसे 4.5 करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचाना है, जिनमें 6 करोड़ वरिष्ठ लोग शामिल हैं. उन्हें प्रति परिवार 5 लाख रुपये का निशुल्क हेल्थ बीमा कवर मिलेगा.
साल 2017 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत मोदी सरकार ने इस योजना शुरुआत की थी. इस योजना के तहत देशभर के चिह्नित सरकारी और निजी अस्पतालों में 5 लाख तक का मुफ्त इलाज करवाया जा सकता है. अस्पताल में एडमिट होने के 10 दिन पहले और बाद के चिकित्सा खर्च का भी योजना के तहत भुगतान का प्रावधान है. हालांकि, कुछ राज्य ऐसे हैं, जिन्होंने इस योजना को अपने यहां लागू करने से इनकार कर दिया है और वहां पर राज्य सरकार खुद अपनी योजना चला रही है.