Ayodhya Verdict: राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले (Ram Janmabhoomi-Babri Masjid Land Dispute Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) शनिवार सुबह 10.30 बजे अपना फैसला सुनाएगा. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ (Constitution Bench) ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीन पक्षकारों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान- में बराबर बराबर बांटने के सुप्रीम कोर्ट के सितंबर, 2010 के निर्णय के खिलाफ दायर अपीलों पर 40 दिन तक सभी पक्षों की दलीलें सुनी. पीठ ने 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी करते हुए कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जाएगा.
संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं. राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर फैसला सुनाए जाने से पहले सीजेआई रंजन गोगोई ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त की. यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश: अयोध्या विवाद पर संभावित फैसले के मद्देनजर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुरक्षा बढ़ाने के दिए निर्देश.
Supreme Court to deliver verdict in the #Ayodhya land dispute case tomorrow. https://t.co/pC6Ri3ZhyU pic.twitter.com/H21ZG2MmSY
— ANI (@ANI) November 8, 2019
सूत्रों ने बताया कि सीजेआई रंजन गोगोई के कक्ष में करीब एक घंटे यह बैठक चली. बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी और पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किये गए बंदोबस्त से सीजेआई रंजन गोगोई को अवगत कराया.
केंद्र ने राज्यों से अलर्ट रहने को कहा-
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से अलर्ट रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी थी. गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश और खासतौर पर अयोध्या में सुरक्षा तैनाती के लिए अर्द्धसैनिक बलों के 4,000 जवानों को भेजा है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया था कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक आम परामर्श जारी किया गया है जिसमें उन्हें सभी संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात करने को कहा गया है.