नई दिल्ली: देश में राम मंदिर निर्माण पर चर्चा गर्माती जा रही है. एक तरफ मुद्दे को लेकर जहां सियासी घमासान मचा हुआ है वहीं इसी बीच बाबर और बहादुर शाह जफर के वंशज प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के निर्माण के पक्ष में वकालत की हैं. प्रिंस याकूब का कहना है कि मामले को लेकर किसी भी प्रकार का विवाद नहीं होना चाहिए. इस मुद्ददे पर हिन्दू-मुसलमान का कोई विवाद नहीं है. राजनेता इस पर बेवजह राजनीति कर रहें हैं.
प्रिंस याकूब ने कहा कि वे राष्ट्रपति के पास जाकर अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण की वकालत करेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनेगा, तो पहली सोने की ईंट वे रखेंगे.
उन्होंने कहा कि वे शनिवार को दिल्ली से चक्रपाणि महाराज के नेतृत्व में रथयात्रा लेकर विभिन्न शहरों से होते हुए अयोध्या पहुंचेंगे और वहां रामलला के दर्शन कर मंदिर निर्माण की बात पेश करेंगे. प्रिंस याकूब ने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाइल की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे विवादित ढांचा बोला है. वहां पर न मंदिर का मसला है और न मंदिर का. वहां पर जमीन का मसला है. यह भी पढ़ें- बीजेपी और शिवसेना के बाद अब सपा ने भी ओढ़ा राम भक्ति का चोला, अखिलेश के मंत्री ने कहा- 'मैं रामभक्त हूं, अगले 6 महीने में अयोध्या में बनेगा मंदिर
जमीन विवाद को जल्द खत्म किया जाए
प्रिंस याकूब ने कहा कि अयोध्या मामले पर हमने राष्ट्रपति से समय मांगा है. क्योंकि राष्ट्रपति को यह अधिकार होता है कि जो मामला न्यायालय में चल रहा है, उस पर वे कोर्ट को निर्देश दे सकते हैं. कोर्ट ने कहा है कि वे पुराने पक्ष को सुनेंगे. लेकिन, सुन्नी वक्फ बोर्ड प्रॉपर्टी की ओनर नहीं बन सकती है. हम प्रॉपर्टी के ओनर हैं. हम राष्ट्रपति को लिखकर देंगे और एक पिटीशन भी फाइल करेंगे कि इस मुद्दे को जल्द से जल्द खत्म किया जाए. इस मुद्दे को पार्लियामेंट या सुप्रीम कोर्ट को रेफर किया जाए और मंदिर बनवा दिया जाए. यह भी पढ़ें- राम मंदिर निर्माण पर साक्षी महाराज के बगावती तेवर, कहा- 2019 से पहले नहीं हुआ कार्य तो बीजेपी छोड़ कर दूंगा साधु-संतो का साथ
हम बाबर के वंशज दे रहें हैं जमीन
प्रिंस याकूब ने कहा कि हम राष्ट्रपति को लिखकर दे रहे हैं. आप हमारे साथ आएं. जमीन बाबर की निकल रही है, तो हम उनके वंशज है. इसके डॉक्यूमेंट पर कोर्ट ने भी मुहर लगाई है. प्रिंस याकूब का कहना है कि राष्ट्रपति के पास यह मुद्दा जाएगा, तो यह पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. क्योंकि वे कागजात के आधार पर वहां जाने की बात कह रहे हैं.